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योगी सरकार का फैसला : स्वदेशी गाय की खरीद पर परिवहन और बीमा सहित अन्य मदों में 80 हजार रुपये तक की सब्सिडी

योगी सरकार का फैसला : स्वदेशी गाय की खरीद पर परिवहन और बीमा सहित अन्य मदों में 80 हजार रुपये तक की सब्सिडी

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लखनऊ, 26 अगस्त। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गो पालकों को लेकर बड़ा फैसला किया और मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के तहत दूसरे प्रदेशों से साहिवाल, थारपारकर, गिर एंव संकर प्रजाति की गाय खरीदने पर उन्हें ट्रांसर्पोटेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेंस समेत अन्य मदों पर खर्च होने वाली धनराशि पर सब्सिडी देगी।

यह सब्सिडी गो पालकों को कुल व्यय धनराशि का 40 प्रतिशत यानी 80 हजार रुपये तक दी जाएगी। पहले चरण में यह योजना प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालय के जनपदों में लागू की जाएगी। इसके बाद इसे प्रदेश के सभी जनपदों में लागू किया जाएगा। यूपी के गो पालकों की आय बढ़ाने, आत्मनिर्भर बनाने एवं स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत इस योजना को शुरू किया है।

दूसरे प्रदेश से स्वदेशी गाय की खरीद है अनिवार्य  

अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ. रजनीश दुबे ने योजना का उद्देश्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता में वृद्धि कर राष्ट्रीय औसत दुग्ध उपलब्धता के स्तर पर लाना है। दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए गो पालक को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय खरीदना अनिवार्य है। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी की ओर से लाभार्थी को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए एक अनुमति पत्र जारी किया जाएगा। वहीं इन गायों का तीन वर्षों का पशु बीमा एकमुश्त कराया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्हें दूसरे प्रदेश से अपने प्रदेश में लाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराना अनिवार्य है।

महिला दुग्ध उत्पादकों को योजना में दी जाएगी तरजीह 

योजना के तहत लाभार्थी को सब्सिडी गाय की खरीद, उसके परिवहन, पशु ट्रांजिट बीमा, तीन वर्षों का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन की खरीद एवं गायों के रखरखाव के लिए शेड के निर्माण पर दिया जाएगा। लाभार्थी के पास गो पालन के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। साथ ही उनके पास पहले से दो से अधिक स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायें न हों। वहीं इस योजना के तहत 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों एवं पशुपालकों को तरजीह दी जाएगी जबकि 50 प्रतिशत में अन्य वर्ग के लाभार्थी शामिल हैं।

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