1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना फिर खतरे के निशान के पार, बाढ़ की आशंका
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना फिर खतरे के निशान के पार, बाढ़ की आशंका

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना फिर खतरे के निशान के पार, बाढ़ की आशंका

0
Social Share

नई दिल्ली, 23 जुलाई। राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गई है क्योंकि यमुना नदी का जलस्तर रविवार को दूसरी बार खतरे के निशान के पार चला गया। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। अधिकारियों ने कहा कि नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है।

राजस्व मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है। उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचता है, तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं। यमुना का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास है। गत 13 जुलाई को यह रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार सुबह नौ बजे 205.96 मीटर पर पहुंच गया और इसके शाम चार बजे तक 206.7 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।

सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के मुताबिक, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर शनिवार सुबह नौ बजे एक लाख के आंकड़े के पार चली गई और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही। इसके बाद से जल प्रवाह की दर 1.5 लाख क्यूसेक से दो लाख क्यूसेक के बीच है।

‘साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपुल’ के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, ‘‘इस मात्रा में पानी होने से राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम दर्जे की बाढ़ का जोखिम पैदा होता है, जो जुलाई के दूसरे सप्ताह में आई बाढ़ से अब भी उबर रही है। दूसरी बार बाढ़ आने से यमुना नदी दिल्ली में अपने ज्यादातर मैदानी हिस्सों तक फैल सकती है।’’

दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी और मंगलवार को ही जल आपूर्ति सामान्य हो पाई। पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला शोधन संयंत्र में अशोधित जल की आपूर्ति करता है। ये संयंत्र शहर को करीब 25 फीसदी जल की आपूर्ति करते हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code