आजम खान को बड़ी राहत : भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट से बरी, फिलहाल विधानसभा सदस्यता बहाल नहीं
रामपुर, 24 मई। उत्तर प्रदेश के रामपुर की एक विशेष अदालत ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो. आजम खान को 2019 में नफरती भाषण देने के मामले में बड़ी राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत द्वारा दी गई तीन साल कैद की सजा खारिज कर दी है।
आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बुधवार को विशेष एमपी-एमएलए/सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) अमित वीर सिंह की अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, ‘निचली अदालत के खिलाफ हमने अपील दाखिल की थी। आज फैसला हमारे पक्ष में आया है। अदालत ने कहा है कि नफरती भाषण मामले में निचली अदालत का फैसला गलत था। हमें उन सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया है।’
इस मामले के एक सरकारी वकील ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि विशेष अदालत ने आजम खान को मिली तीन साल की सजा के फैसले के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया है और निचली अदालत के सजा के निर्णय को खारिज कर दिया है।
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आजम खान ने दाखिल की थी अपील
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण देने के मामले में एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने उस वक्त रामपुर सदर सीट से सपा विधायक रहे खान को 27 अक्टूबर, 2022 को तीन साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी और वोट देने का अधिकार भी वापस ले लिया गया था।
आजम खान ने निचली अदालत के इस निर्णय के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अदालत में अपील की थी। हालांकि आजम खान की विधानसभा सदस्यता खत्म होने के बाद पिछले वर्ष रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने उनके करीबी सपा उम्मीदवार आसिम राजा को हराया था।
इसलिए विधानसभा की सदस्यता की पुनर्बहाली मुश्किल
फिलहाल अदालत से आज राहत मिलने के बावजूद आजम खान की विधानसभा सदस्यता बहाल होना मुश्किल है क्योंकि अवैध रूप से मार्ग जाम करने के मामले में मुरादाबाद की एक अदालत ने आजम और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को इसी साल दो-दो वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला की भी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इस मामले में भी सजा सुनाये जाने के कारण आजम खां की सदस्यता फिलहाल बहाल होना मुश्किल है।