1. Home
  2. हिन्दी
  3. रक्षा
  4. भारत में बनेंगे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान, 15 हजार करोड़ का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा
भारत में बनेंगे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान, 15 हजार करोड़ का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा

भारत में बनेंगे पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान, 15 हजार करोड़ का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा

0
Social Share

नई दिल्ली, 15 अप्रैल। भारत अब पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान बनाने की तैयारी कर रहा है। यह परियोजना लंबे समय से रुकी हुई थी। रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि लगभग 15,000 करोड़ रुपये की लागत से स्वदेशी, दो इंजन वाले उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को विकसित करने का प्रस्ताव जल्द सुरक्षा पर पीएम की अगुआई वाली कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

देश के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान बनाने परियोजना बेहद महात्वाकांक्षी परियोजना है और इस पर लंबे समय से विचार किया जा रहा था। बीच में ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही थीं कि भारत अमेरिका से एयरो-इंडिया में अमेरिका द्वारा दिखाए गए F-35A जेट खरीद सकता है और इसे खुद से विकसित करने का विचार ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है।

फिलहाल अब लागत, डिजाइन और स्वदेशी सामग्री के स्तर पर व्यापक अंतर-मंत्रालयी परामर्श अब लगभग पूरा हो गया है। एएमसीए के लिए डीआरडीओ प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा है, जिसके बाद इसे सीसीएस के पास भेज दिया जाएगा।

सबकुछ अनुकूल रहा तो 2035 में भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होंगे ये विमान

बेहद महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना में पांच प्रोटोटाइप का विकास, एक संरचनात्मक परीक्षण नमूना, व्यापक उड़ान परीक्षण और अंतिम 25-टन स्विंग-रोल फाइटर के लिए सुरक्षा पर पीएम की अगुआई वाली कैबिनेट कमेटी से मंजूरी ली जानी है। अनुमानित समयसीमा के अनुसार, पहला एएमसीए प्रोटोटाइप सीसीएस की मंजूरी के चार साल बाद ‘रोल आउट’ होगा, जिसके बाद उत्पादन छह साल बाद शुरू होगा। इसका मतलब ये है कि अगर सबकुछ सही तरीके और लही समय से हुआ तो भारतीय वायु सेना वर्ष 2035 के आसपास इन लड़ाकू विमानों को अपने बेड़े में शामिल करना शुरू कर देगी।

गौरतलब है कि पांचवी पीढ़ी के उन्नत स्टील्थ लड़ाकू विमानों की जरूरत सीमा पर बढ़ते चीनी खतरे को देखते हुए लंबे समय से महसूस की जा रही थी। ये विमान तकनीकी रूप से काफी दक्ष होते हैं और इन्हें रडार से पकड़ पाना लगभग नामुमकिन है। फिलहाल भारत के पास जो सबसे आधुनिक विमान हैं, उनमें राफेल 4.5वीं पीढी का है और सुखोई 30 एमकेआई चौथी पीढ़ी का।

फिलहाल अमेरिका, चीन और रूस के ही पास 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान

वर्तमान में केवल 5वीं पीढ़ी के परिचालन वाले जेट अमेरिकी एफ/ए-22 रैप्टर और एफ-35 लाइटनिंग-II ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर्स हैं। चीनी का चेंगदू जे-20 और रूसी सुखोई-57 भी कुछ हद तक पांचवी पीढ़ी के विमान ही हैं। अब भारत भी इस लिस्ट में शामिल हो सकता है। 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तेजस मार्क -2 लड़ाकू विमान विकसित करने की योजना को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code