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विश्व साइकिल दिवस : ऐसा देश, जहां कारों से ज्यादा साइकिल के दीवाने, पीएम भी रोज साइकिल चलाकर जाते हैं संसद

विश्व साइकिल दिवस : ऐसा देश, जहां कारों से ज्यादा साइकिल के दीवाने, पीएम भी रोज साइकिल चलाकर जाते हैं संसद

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नई दिल्ली, 3 जून। ‘विश्व साइकिल दिवस’ के अवसर पर आज दुनियाभर में साइकिल को लेकर चर्चा हो रही है और  सइकिलिंग से स्वास्थ्य पर होने वाले फायदे भी बताए जा रहे है। लेकिन साइकिल से जुड़ी एक ऐसी भी जानकारी है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

डिजिटल क्रांति के इस दौर में जहां पूरी दुनिया में वाहनों की भीड़ नजर आती है, वहीं साइकिल चालकों की संख्या लगातार कम हो रही है। बहुत कम जगह ऐसी है, जहां आज भी साइकिल चलाई जाती है। लेकिन दुनिया में आज भी एक देश ऐसा है, जहां का प्रधानमंत्री भी अपने घर से संसद तक हर रोज साइकिल से ही जाता है। यह हकीकत है कि इस देश में कार से भी ज्यादा साइकिल चलाने का क्रेज है।

नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री साइकिल से जाते है ऑफिस

यह सर्वविदित है कि साइकिल पर्यावरण से लेकर इंसान की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन कुछ लोग शर्म की वजह से और ज्यादातर लोग समय की कमी की वजह से साइकिल नहीं चला पाते। लेकिन नीदरलैंड्स एक ऐसा देश है, जहां आपको हर जगह सड़कों पर साइकिलें बहुतायत में दिखेंगी। यहां सड़कों पर पहला अधिकार साइकिल वालों का ही होता है। नीदरलैंड्स में साइकिल इतनी अधिक पॉपुलर है कि देश के प्रधानमंत्री रोजाना साइकिल से ही अपने ऑफिस जाते हैं।

एम्स्टर्डम की रिंग रोड और लेन साइकिल चलाने वालों के लिए जबर्दस्त नेटवर्क से लैस

नीदरलैंड्स की राजधानी एम्स्टर्डम की रिंग रोड और लेन साइकिल चलाने वालों के लिए जबर्दस्त नेटवर्क से लैस हैं। यहां साइिकल चलाना इतना सुरक्षित है कि बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक साइकिल का ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। साइकिल चलाने का ऐसा कल्चर न सिर्फ देश की राजधानी में है, बल्कि नीदरलैंड्स के सभी शहरों में ऐसा है। यहां के लोग साइकिल चलाने को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं।

नीदरलैंड्स में इस तरह बढ़ा साइकिल का क्रेज

हालांकि आज भले ही नीदरलैंड्स में साइकिल का कल्चर और क्रेज देखने को मिलता है, लेकिन 1950 और 60 के दशक में यहां भी दूसरे देशों की तरह कारों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। इसके बाद लोगों ने साइकिल को लेकर सामाजिक और न्यायिक सक्रियता दिखानी शुरू की। लोगों ने यह ध्यान रखा कि कारों की संख्या कितनी भी बढ़ जाए, लेकिन साइकिलों की जगह रहनी चाहिए। ऐसे में इसे लेकर 70 के दशक में जमकर प्रयास किए गए, जिसके बाद सड़कों की बनावट साइकिल के लिए मुफीद की गई और अब नीदरलैंड्स की राजधानी एम्स्टर्डम दुनियाभर में ‘साइकिल राजधानी’ के नाम से मशहूर है, जहां ज्यादातर लोग साइकिल का ही उपयोग करते हैं।

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