नई दिल्ली, 7 मई। केरल में मानसून 20 मई के बाद किसी भी वक्त आ सकता है, जो इस वर्ष अपने समय से करीब 10 दिन पहले है। केरल में मानसून का आगमन सामान्यत: 1 जून के आसपास होता है। आईएमडी ने पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) में विकसित मल्टी-मॉडल एक्सटेंडेड रेंज प्रेडिक्शन सिस्टम (एमएमईआरपीएस) का उपयोग करके अपने नवीनतम एक्सटेंडेड रेंज फोरकास्ट (ईआरएफ) के जरिए इस आशय के संकेत दिए हैं।
20 मई के बाद कभी भी हो सकती है मानसून की शुरुआत
आईआईटीएम के एक विशेषज्ञ के हवाले से मीडिया में जारी रिपोर्ट के अनुसार ‘एक मई से पांच जून के लिए चार सप्ताह की विस्तारित सीमा के पूर्वानुमान के अनुसार, केरल में मानसून की शुरुआत 20 मई के बाद कभी भी हो सकती है। गत 28 अप्रैल को जारी पिछले ईआरएफ में भी 19-25 मई की अवधि में केरल में वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। यदि ईआरएफ अगले सप्ताह भी 20 मई के बाद केरल में इसी तरह की स्थिति दिखाता है, तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि इस तटीय राज्य में मानसून की शुरुआत समय से पहले होगी।’
पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने जा रहा चक्रवाती तूफान
भारत मौसम विभाग का नवीनतम ईआरएफ मई 5-11 (सप्ताह 1), मई 12-18 (सप्ताह 2), मई 19-25 (सप्ताह 3) और मई 26-जून 1 (सप्ताह 4) के लिए है। आईआईटीएम के विशेषज्ञ के अनुसार अभी के लिए केरल में मानसून के जल्द शुरुआत के संकेत दिखाई दे रहे हैं। पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान बनने जा रहा है।
इससे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर मानसून के प्रवाह को मजबूत करने में मदद मिलने की संभावना है। नवीनतम ईआरएफ के अनुसार इस वेदर सिस्टम से तीसरे सप्ताह के आसपास मानसून के प्रवाह में बाधा पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि तब तक यह अपना प्रभाव खो चुका होगा।