नई दिल्ली, 18 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा है कि ये दोनों राजनीतिक दल हिंदू समाज को अपमानित कर रहे है और हिंदूओं के खिलाफ नफरत का माहौल बना रहे है। मंगलवार को यहाँ भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान हिंदुओं के खिलाफ ज़हर उगल हैं और कांग्रेस उनको समर्थन कर रही है।
उन्होंने कांग्रेस और सपा पर समाज को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों राजनीतिक दलों में इस बात की दौड़ चल रही है कि कौन कितनी घृणा फैला सकता है। हिंदुओं के खिलाफ बोलने वालों को कौन सी पार्टी प्रश्रय दे सकती है।
उन्होंने कहा, “मौलाना खान ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया। उन्होंने यह एलान कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में किया। मीडिया ने इन्हीं मौलाना के वीडियो को दिखाया था, जिसमें वो हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहे थे। वीडियो में वे कह रहे थे कि यदि कानून-व्यवस्था उनके लोगों हाथ में आ जाए तो हिंदुओं को हिंदुस्तान में रहने की जगह तक नहीं मिलेगी। उन्होंने हिंदुस्तान का नक्शा तक बदल देने की धमकी दी थी।”
सपा के कई प्रत्याशियों का नाम लेते हुए श्री पात्रा ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन लोगों को टिकट दे रहे हैं जिनके खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि असलम चौधरी को सपा ने धौलाना विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। दो समुदायों के बीच लगातार जहर उगलना, दो समुदायों को किस प्रकार से दंगों में झोंकना है इसके उपाय करना ही श्री चौधरी का काम रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि नाहिद हसन वही है जिसने हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगला था। वह कैराना से हिन्दुओं के पलायन के लिए जिम्मेदार थे। आज वह जेल में हैं। सपा ने कैराना से उन्हें उम्मीदवार बनाया है।
सपा के एक और उम्मीदवार मोहर्रम अली पप्पू को उन्होंने सहारनपुर गुरुद्वारा हिंसा का साजिशकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारे में किस प्रकार से हिंसा करवाई गई थी इसे हम सभी ने देखा है। श्री पात्रा ने कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “कल महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए जैसे शब्दों का प्रयोग किया है, उन्हें दोहराया भी नहीं जा सकता है। उनकी बातों से स्पष्ट है कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जो चूक हुई, दरअसल वह कांग्रेस का प्रयोग था, यह संयोग नहीं था।”