5 राज्यों में विधानसभा चुनाव : 690 सीटों पर 18.34 करोड़ मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग
नई दिल्ली, 8 जनवरी। देश में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों – उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी। इसके तहत 8.55 करोड़ महिलाओं सहित कुल 18.3 करोड़ मतदाता 690 सीटों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
एक माह में पूरी कर ली जाएगी चुनावी प्रक्रिया
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने यहां विज्ञान भवन में आहूत मीडिया कॉन्फ्रेंस में बताया कि पूरी चुनाव प्रक्रिया एक माह में पूरी कर ली जाएगी। 10 फरवरी से सात मार्च के बीच कुल सात चरणों में मतदान कराए जाएंगे और 10 मार्च को मतगणना संपन्न होगी।
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए सभी सात चरणों यानी 10, 14, 20, 23 व 27 फरवरी एवं तीन व सात मार्च को मतदान कराए जाएंगे। गोवा (40 सीट), उत्तराखंड (70 सीट) और पंजाब (117 सीट) में 14 फरवरी को एक चरण में ही वोटिंग होगी जबकि मणिपुर (60 सीट) में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान कराए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में 29 प्रतिशत मतदाता पहली बार वोट डालेंगे
सुशील चंद्रा ने बताया कि 5 राज्यों की 690 सीटों पर कराए जाने वाले मतदान में सर्विस मतदाता को मिलाकर कुल 18.3 करोड़ भाग लेंगे, जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में 29 प्रतिशत मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।
80+ वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग और कोविड संक्रमित कर सकते हैं पोस्टल बैलेट का प्रयोग
उन्होंने बताया कि पांच राज्यों में चुनाव के लिए मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 है। 2017 के विधानसभा चुनावों से मतदान केंद्रों की संख्या 16% बढ़ाई गई है। 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं।
निर्वाचन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता माना जाएगा
सुशील चंद्रा ने बताया कि कोरोना में चुनाव करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मतदान करना सबका कर्तव्य है। इस क्रम में मतदान के दौरान कोविड नियमों का कड़ाई के साथ पालन कराया जाएगा। सभी निर्वाचन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता माना जाएगा एवं सभी पात्र अधिकारियों को ‘एहतियाती खुराक’ का टीका लगाया जाएगा।
प्रत्येक सीट पर कम से कम एक मतदान केंद्र महिलाओं द्वारा प्रबंधित किया जाएगा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, ‘आयोग ने अनिवार्य किया है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केंद्र विशेष रूप से महिलाओं द्वारा प्रबंधित किया जाएगा। हमारे अधिकारियों ने इससे कहीं अधिक की पहचान की है। विधानसभा की 690 सीटें हैं, लेकिन हम ऐसे 1620 मतदान केंद्र बना रहे हैं।’
चुनाव आयोग के अनुसार, राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे मतदान उम्मीदवारों के रूप में चुने गए लंबित आपराधिक मामलों वाले व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। उम्मीदवार के चयन के लिए उन्हें कारण भी देना होगा।
उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को समाप्त होगा जबकि अन्य चार राज्यों में विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में विभिन्न तिथियों पर समाप्त हो रहा है। इनमें गोवा विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च, मणिपुर विधानसभा का 19 मार्च जबकि उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का 23 मार्च को समाप्त हो जाएगा।