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टोक्यो ओलंपिक : रवि दहिया ने कुश्ती में दिलाया रजत पदक, अंतिम 10 सेकेंड में कांस्य से चूके दीपक

टोक्यो ओलंपिक : रवि दहिया ने कुश्ती में दिलाया रजत पदक, अंतिम 10 सेकेंड में कांस्य से चूके दीपक

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टोक्यो, 5 अगस्त। समापन की ओर बढ़ चले टोक्यो ओलंपिक खेलों का 14वां दिन भारत के लिए यादगार रहा, जब उसके खिलाड़ियों ने दो पदक जीते। प्रातःकालीन सत्र में भारतीय पुरुष हॉकी टीम कांस्य के साथ जहां 40 वर्षों बाद कोई पदक जीतने में सफल रही वहीं सायंकालीन सत्र में फ्रीस्टाइल पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक दिलाया। हालांकि उनके साथी पहलवान दीपक पूनिया अंतिम क्षणों की गलती के चलते कांस्य पदक से चूक गए।

सोनीपत के 23 वर्षीय पहलवान रवि दहिया ने माकुहरी मेसे हाल ए के मैट बी पर खेले गए 57 किलोग्राम भार वर्ग के खिताबी मुकाबले में विश्व चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव को कड़ टक्कर दी, लेकिन उनका दमखम अंत में कमजोर पड़ गया। रूसी पहलवान ने अंकों के आधार पर 7-4 से यह मुकाबला जीत स्वर्ण पदक पर अपना नाम लिखाया।

विश्व विजेता रूसी मल्ल से संघर्ष के बाद हारे रवि

मुकाबले की बात करें तो जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो अंकों की बढ़त ले ली। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो अंक लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया। लेकिन जावुर ने पहला पीरिएड राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो अंक लेकर 4-2 से बढ़त ले ली।

दूसरे पीरिएड की शुरुआत में रवि ने रूसी पहलवान को दबोचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह अंक नहीं ले सके। वहीं फुर्तीले जावुर ने तीन अंक लेकर 7-2 की बढ़त बना ली। हालांकि, रवि ने जवाबी हमले मे दो अंक जुटाए, लेकिन वह जावुर की बराबरी नहीं कर सके।

सुशील के बाद रजत जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान
फिलहाल दहिया ओलंपिक कुश्ती में रजत पदक जीतने वाले देश के दूसरे पहलवान बन गए हैं। सुशील कुमार ने बीजिंग 2008 में कांस्य जीतने के बाद लंदन 2012 में रजत पदक जीता था। सुशील तो ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे, लेकिन टोक्यो में महिला एकल बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य जीतकर उनकी बराबरी कर ली। सिंधु ने चार वर्ष पूर्व रियो में रजत पदक जीता था।

केडी जाधव ने कुश्ती में भारत को दिलाया था पहला पदक

देखा जाए तो ओलंपिक में कुश्ती में भारत अब तक छह पदक जीत चुका है। केडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे, जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था और अब दहिया के हिस्से कांसा आया।

पहले राउंड की बढ़त पूनिया ने गंवा दी

रवि के बाद 86 किलोग्राम भार वर्ग के रेपचेज राउंड में उतरे झज्जर (हरियाणा) के 22 वर्षीय मल्ल दीपक पूनिया ने शुरुआत अच्छी की, लेकिन आखिरी के कुछ सेकेंड में सैन मरीनो नाजेम मिलेस अमीन ने अंक बटोरकर बढ़त हासिल कर ली। भारतीय कोच ने रेफरी को चुनौती दी, लेकिन वह हार गए। दरअसल, दीपक की आखिरी मिनटों में की गई गलतियां उन्हें भारी पड़ीं और वह कांस्य पदक से चूक गए।

दीपक ने पहले पीरिएड में 2-0 की बढ़त ले रखी थी। लेकिन लेकिन वह इसे ज्यादा देर तक कायम नहीं रख पाए। नाजेम ने पीरिएड की समाप्ति से पहले एक अंक जुटाकर स्कोर 1-2 किया। लेकिन दूसरे पीरिएड में दीपक एक भी अंक नहीं जुटा सके और नाजेम ने तीन अंक लेकर कांस्य अपने नाम कर लिया।

विनेश फोगाट व अंशु मलिक को भी मायूसी हाथ लगी

इसके पूर्व दिन में भारत की सबसे कम उम्र महिला पहलवान 19 वर्षीया अंशु मलिक को 57 किलोग्राम इवेंट के रेपेचेज राउंड-1 में रूस की वेलेरिया कोब्लोवा के हाथों 1-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी और वह कांस्य पदक से वंचित हो गईं। इसके बाद पदक की दावेदार मानी जा रहीं विनेश फोगाट को भी 53 किलोग्राम भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
विनेश ने प्री क्वॉर्टर फाइनल में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप की छह बार की पदक विजेता स्वीडन की मैटसन सोफिया मेगडालेना को 7-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन बेलारूस की वानेसा कालाजिंसकाया ने पिन करते हुए मात दी। विनेश को अब रेपेचेज मैच के लिए वेनेसा के फाइनल में पहुंचने की दुआ करनी होगी।

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