मुख्य चुनाव आयुक्त को भरोसा – उत्तर प्रदेश व पंजाब सहित पांच राज्यों में समय पर होंगे विधानसभा चुनाव
नई दिल्ली, 1 जून। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने विश्वास व्यक्त किया है कि अगले वर्ष निर्धारित उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समय पर कराए जा सकेंगे। वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव निर्धारित हैं। लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि देश में व्याप्त कोरोना महामारी के चलते ये चुनाव शायद ही समय पर हो पाएं।
हालांकि कोरोना संक्रमण के ही दौरान बीते मार्च-अप्रैल के दौरान पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल व केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में विधासभा चुनाव कराए गए थे। उसी दौरान उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव भी कराए गए। यह अलग बात है कि इन चुनावों के साथ ही देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ने जबर्दस्त रफ्तार पकड़ी, जिसका फैलाव कई राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों तक जा पहुंचा।
देश में अब कोरोना की पकड़ थोड़ी ढीली पड़ी है। लेकिन यह पूरी तरह कब खत्म होगी, इस बाबत पक्के तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता। फिलहाल तमाम अटकलों के बीच सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव आयोग को अगले वर्ष पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव समय पर कराने का भरोसा है।
सुशील चंद्रा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘हमने महामारी के बीच बिहार, पश्चिम बंगाल सहित पांच अन्य विधानसभाओं के लिए चुनाव कराकर अनुभव प्राप्त किया है। निर्वाचन आयोग की यह सर्वप्रथम जिम्मेदारी है कि विधानसभाओं का कार्यकाल समाप्त होने से पहले हम चुनाव कराएं और विजयी उम्मीदवारों की सूची राज्यपाल को सौंप दें।’
ज्ञातव्य है कि गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड की विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च, 2022 में समाप्त हो रहा है जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई, 2022 में समाप्त होगा। इस समय उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जहां भाजपा की सरकारें हैं वहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार है।
चंद्रा ने कहा, ‘आपको पता है कि कोविड-19 की दूसरी लहर कमजोर हो रही है और संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। हमने महामारी के दौरान बिहार में चुनाव कराए। हमने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव कराए हैं। इस प्रकार हमने महामारी में भी चुनाव कराने का काफी अनुभव हासिल किया है।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि अब महामारी के कमजोर होने और जल्द ही इसके समाप्त होने की उम्मीदों के बीच हम अगले वर्ष पांच राज्यों में निर्धारित विधानसभा चुनाव समय पर कराने की स्थिति में होंगे।’