वाराणसी, 24 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 644.49 करोड़ की लागत से बनने वाले देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे का काशीवासियों को उपहार दिया। अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान पीएम मोदी ने इसका विधिवत शिलान्यास किया।
दिलचस्प यह है कि वाराणसी देश का पहला शहर बन जाएगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे होगा। दो दक्षिण अमेरिकी देशों – बोलीविया और मेक्सिको के बाद विश्व में भारत तीसरा देश होगा, जहां यह सुविधा मिलेगी। इसे स्विट्जरलैंड की कम्पनी बर्थोलेट व नेशनल हाईवे लाजिस्टिक प्रा.लि. मिलकर बनाएगी।
2 वर्ष में बनकर तैयार होगा 644.49 करोड़ की लागत वाला रोपवे
पीएम मोदी ने डॉ. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय मैदान पर आयोजित जनसभा से पहले महत्वाकांक्षी परियोजना रोपवे का माडल भी देखा। इस रोपवे के बनने से श्रद्धालुओं, पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय जनमानस के लिए भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एवं दशाश्वमेध घाट तक आना-जाना आसान हो जाएगा। यह रोपवे दो वर्ष के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा।
रोपवे के स्टेशनों और ट्रॉली पर दिखेगी कला, धर्म व संस्कृति की झलक
गौरतलब है कि नेशनल हाई वे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी, रेलवे अंडरपास के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी। रोपवे के लिए बनने वाले सभी स्टेशनों और ट्राली पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
रोपवे की विशेषताएं
- कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक पांच स्टेशन।
- 3.8 किलोमीटर की दूरी 16 मिनट में तय होगी।
- 50 मीटर ऊंचाई पर 150 ट्रॉली कार चलेंगी।
- एक ट्रॉली में अधिकतम 10 यात्री सवार हो सकेंगे।
- एक घंटे में दोनों छोर से 6000 यात्री यात्रा कर सकेंगे।
- हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर ट्रॉली उपलब्ध रहेगी।