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यूपी : योगी सरकार छमाही और वार्षिक कामकाज की तैयार कर रही है रूपरेखा

यूपी : योगी सरकार छमाही और वार्षिक कामकाज की तैयार कर रही है रूपरेखा

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लखनऊ, 13 अप्रैल। उत्तर प्रदेश की नवगठित योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में समयबद्ध कार्ययोजना के साथ आगे बढ़ने के एजेंडे पर काम तेज करते हुए हर विभाग की सौ दिन की कार्ययोजना तय करने के बाद अब छमाही और वार्षिक आधार पर कामकाज की रूपरेखा तय करना शुरु कर दिया है। उत्तर प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने के लिये प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य को हासिल करने हेतु सरकार ने समयबद्ध कार्ययोजना के साथ आगे बढ़ने की रणनीति बनायी है। इसके तहत 25 मार्च को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी ने सभी मंत्रियों से उनके विभागों का 100 दिन के कामकाज का एजेंडा लेकर इस पर काम शुुरु करवा दिया है।

इसके अगले चरण में अब सरकार ने छमाही और वार्षिक आधार पर भी सभी विभागों की कार्ययोजना तय करने की बुधवार से शुरुआत कर दी है। इसका आगाज आज शाम मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में कृषि विभाग से होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही विभाग के आला अफसरों के साथ योगी के समक्ष कृषि क्षेत्र की अगले 06 से 12 महीने तक की कार्ययोजना का रोडमैप पेश करेंगे। इस दौरान कृषि क्षेत्र से जुड़े 11 विभाग भी अपना छमाही व वार्षिक रोडमैप योगी के समक्ष पेश करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में योगी और दोनों उपमुख्यमंत्रियों के अलावा सभी संबद्ध विभागों के मंत्री, विभाग प्रमुख और प्रमुख सचिव या सचिव शामिल होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिवालय एनेक्सी के मंत्री परिषद कक्ष में आज शाम पांच बजे विभागवार कार्ययोजना के रोडमैप का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा। दो घंटे तक विभागवार प्रस्तुति किये जाने के बाद अगले एक घंटे तक सभी विभागों के प्रस्तुतिकरण पर चर्चा होगी। इसके आधार पर सभी विभागों की छमाही और वार्षिक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जायेगा।

गौरतलब है कि गत सोमवार को मुख्यमंत्री योगी और दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें सरकार की भावी कार्ययोजना से अवगत कराया था। समझा जाता है कि उप्र सरकार को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से पहले किये गये सभी चुनावी वादों को 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले अमल में लाकर जमीन पर उतारने का लक्ष्य दिया गया है। जिससे उत्तर प्रदेश में गढ़े गये डबल इंजन की सरकार के मॉडल का सफल नमूना आम चुनाव में जनता के सामने पेश किया जा सके।

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