यूपी : मुजफ्फरनगर जेल में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब, मुस्लिम कैदियों ने रखा नौ दिन का उपवास
मुजफ्फरनगर, 4 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के कारागार की सांप्रदायिक सौहार्द वाली मिसाल पेश करती तस्वीर सामने आई है। यहां नवरात्र के मौके पर कारागार में बंद सभी 218 मुस्लिम बंदियों ने भी नवरात्र के मौके पर उपवास रखा। इतना ही नहीं पूजा-पाठ के साथ हर शाम माता की चौकी पर भजन भी गाए। जिला कारागार की यह खबर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। लोगों ने इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का एक नायाब उदाहरण कहा है।
- सभी के लिए फल, दूध और फलाहार की व्यवस्था
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि वर्तमान में कारागार में 1104 हिंदू बंदी और 218 मुस्लिम बंदी हैं। नवरात्र के मौके पर इन सभी बंदियों ने व्रत रखा। जब यह बात उन्हें पता चली तो उन्होंने इन सभी बंदियों के लिए खाने-पीने के खास इंतजाम किए। व्रत रखने वाले बंदियों के लिए उन्होंने फल, दूध समेत कुट्टू से बने फलाहार की व्यवस्था कराई। जेल अधीक्षक ने कहा कि शाम को सभी बंदियों द्वारा भजन संध्या भी की जाती थी। माता के एक से एक भजन गाए जाते।
- बंदियों के आचरण में भी बदलाव हुआ है
जेल अधीक्षक ने कहा कि यहां की तस्वीर बदली है। बंदियों के आचरण और व्यवहार में यह साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि बंदियों ने पूरे नौ दिन के उपवास रखे हैं। सभी ने पूरे भक्ति-भाव के साथ माता की उपासना की है। जेल परिसर में बनाए गए मंदिर में सभी लोग एक साथ माता के भजनों को गाते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रेम और सद्भावना का प्रतीक है। साथ ही कहा कि जेल में बंदियों के व्यवहार को बदससना भी हमारी प्राथमिकता होती है।
- जेल प्रशासन ने कैदियों के लिए की जरूरी व्यवस्थाएं
जेल प्रशासन ने नवरात्रि के व्रत रखने वालों के लिए कैंटीन में खास इंतेजाम किए हैं। मुजफ्फरनगर के जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने कहा, ‘कैंटीन में व्रत रखने वाले कैदियों के लिए कई तरह के फल, दूध, कुट्टू के आटे से बनी पूरियां, चाय और अन्य सामान उपलब्ध कराया गया है। उपवास रखने वाले कैदियों में से एक ने कहा कि यह “संस्कृति और धर्मों की एकता” में उनका गहरा विश्वास है जिसने उन्हें उपवास करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “लोगों को सीखना चाहिए कि जेल में सांप्रदायिक सद्भाव कैसे मनाया जाता है? हम सभी को एक ही सांस्कृतिक परिवेश में एक साथ रहना और सह-अस्तित्व में रहना है।”
- हिन्दू भाईयों के प्रति हमारा प्यार -मुस्लिम कैदी
एक अन्य मुस्लिम कैदी ने कहा, “हम सांप्रदायिक सद्भाव की एक मिसाल कायम करते हुए गर्व महसूस करते हैं। अगर हिंदू भाई रमजान के दौरान उपवास कर सकते हैं, तो हम भी नवरात्रि के दौरान उपवास कर सकते हैं। प्यार का जवाब केवल प्यार है, नफरत नहीं।” जेल अधीक्षक ने कहा, “नवरात्रि या रमजान जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान हम अतिरिक्त सतर्क रहते हैं।” उन्होंने कहा, “हम ऐसे चीजों को बढ़ावा देते हैं जो कैदियों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव विकसित करने में मदद करें।”