ज्ञानवापी प्रकरण में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर – मस्जिद परिसर के सर्वे का विरोध करना ठीक नहीं
वाराणसी, 8 मई। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर की कोर्ट कमिश्नर की निगरानी में सर्वे तथा वीडियोग्राफी के मुस्लिम पक्ष के विरोध को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने उचित नहीं माना है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद परिसर से बाहर निकले कौशल किशोर ने कहा कि किसी की भी यहां के ज्ञानवापी प्रांगण का सर्वे का विरोध करना ठीक नहीं है।
मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया ही इसलिए जा रहा है कि सच सामने आ जाए। सर्वे करने वाली टीम के अंदर नहीं घुस देने के प्रश्न पर कहा कि कोर्ट का जो आदेश है उसका पालन करना ही होगा। किसी के रोकने से सर्वे नहीं रुकेगा। अदालत का जो निर्णय है उसे सबको मानना चाहिए और शांति से सर्वे होने देना चाहिए।
लखनऊ के मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर ने कहा कि कोर्ट के निर्देश पर ज्ञानवापी का सर्वे कराया जा रहा है। इसका किसी को भी विरोध नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच को दिखाने या फिर उसकी वीडियोग्राफी पर किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
मुस्मिल पक्ष के ज्ञानवापी के सर्वे में लगे एडवोकेट कमिशनर को बदलने की मांग पर कौशल किशोर ने कहा कि मांग तो कोई भी कर सकता है, लेकिन जब कोर्ट ने निर्णय कर दिया है कि ज्ञानवापी का सर्वे होना चाहिए तो किसी को भी सर्वे से डरने की क्या जरूरत है। सच तो सामने आने ही चाहिए। मुस्लिम पक्ष के ज्ञानवापी के अंदर का सर्वे तथा वीडियोग्राफी का विरोध नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी का सर्वे होने के बाद सच सामने आएगा। आप भी जानते हैं कि ज्ञानवापी का मतलब क्या होता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर का सर्वे जरूर होना चाहिए। इसका कोर्ट ने भी आदेश दिया है। सर्वे पर किसी को उस पर शक नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोर्ट के निर्देश पर सर्वे तथा वीडियोग्राफी हो रही है तो तो यह सब परिसर में क्यों नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी ज्ञानवापी शब्द कोई उर्दू का शब्द नहीं है। अब कोर्ट के सर्वे के बाद सब तय हो जाएगा। यह मंदिर है या मस्जिद के फैसला अदालत करेगी।