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प्रशिक्षु IAS पूजा खेडकर की नौकरी खत्म, फर्जी दस्तावेजों पर UPSC का कठोर निर्णय

प्रशिक्षु IAS पूजा खेडकर की नौकरी खत्म, फर्जी दस्तावेजों पर UPSC का कठोर निर्णय

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नई दिल्ली, 31 जुलाई। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर की सेवा समाप्त कर दी है। पूजा अभी प्रोबेशन (परीक्षण अवधि) पर थीं, लेकिन स्थायी नियुक्ति से पहले ही उन्हें बाहर कर दिया गया। यूपीएससी ने फर्जी दस्तावेजों को आधार बनाकर यह कठोर निर्णय लिया है।

नौकरी में आरक्षण के लिए पूजा ने कई गलत दस्वावेज लगा दिए थे

दरअसल, विवादों में घिरीं पूजा खेडकर पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाई थी। पूजा खेडकर ने 2022 की यूपीएससी परीक्षा पास की थी और उन्हें फिलहाल महाराष्ट्र में ट्रेनी आईएएस के तौर पर तैनात किया गया था। अपनी पहली ही पोस्टिंग में उन्हें अजीब-अजीब डिमांड रखना शुरू कर दिया था। इस पर विवाद बढ़ा तो उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम किया गया था। यही नहीं बाद में सामने आया कि उन्होंने ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर वाले आरक्षण को हासिल करने के लिए गलत दस्तावेज दिए थे।

यूपीएससी ने एफआईआर के अलावा पूजा को नोटिस भी जारी की थी

बात यहीं तक सीमित नहीं थी वरन पूजा खेडकर ने नौकरी पाने के लिए मां-पिता का नाम भी बदल डाला था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि ओबीसी आरक्षण का लाभ मिले और यूपीएससी परीक्षा में बैठने का अतिरिक्त मौका मिल सके। इस मामले ने तूल पकड़ा तो यूपीएससी ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसके अलावा पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को कारण बताओ नोटिस भी जारी की गई थी। साथ ही उन्हें पहचान छिपाकर परीक्षा में बैठने का मौका पाने का दोषी पाया गया।

नोटिस के जवाब की अवधि बीतने के बाद आयोग ने किया फैसला

नोटिस का जवाब देने के लिए पूजा खेडकर को 25 जुलाई तक का वक्त मिला था, लेकिन उन्होंने चार अगस्त तक का समय मांग लिया था। उनका कहना था कि इस दौरान वह जरूरी दस्तावेज जुटा लेंगी। पूजा की अपील पर यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई को दोपहर 3.30 बजे तक जवाब देने का वक्त दिया था। इस वक्त तक जवाब नहीं मिला तो फिर यूपीएससी ने उन्हें सेवा से बाहर करने का फैसला लिया। यही नहीं अब आगे वह किसी यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा भी नहीं ले सकेंगी।

भविष्य में पूजा के किसी भी परीक्षा में बैठने पर भी रोक लगी

यूपीएससी ने इस बाबत उन्हें पहले ही बता दिया था कि यदि तय समय तक जवाब नहीं आया तो फिर एक्शन लिया जाएगा और उनके किसी आवेदन पर बाद में विचार नहीं होगा। आयोग ने कहा कि पूजा खेडकर को CSE-2022 परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। पूजा ने गलत दस्तावेजों के जरिए नियम से परे जाकर एक अतिरिक्त मौका हासिल किया था। अब यूपीएससी ने भविष्य में भी पूजा खेडकर के किसी परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी है।

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