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ताइवान के पास चीनी सैन्य गतिविधियों में तेजी, दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा

ताइवान के पास चीनी सैन्य गतिविधियों में तेजी, दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा

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ताइवान, 26 अक्टूबर।  ताइवान स्ट्रेट में चीनी सेनाओं की गतिविधियों से तनाव बढ़ता ही जा रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (MND) ने आज शनिवार सुबह ताइवान के आस-पास चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 22 विमान और 5 नौसैनिक जहाजों की मौजूदगी का पता लगाया। इन 22 विमानों में से 16 विमानों ने मीडियन लाइन को पार करते हुए ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिम एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) में प्रवेश किया। ताइवान की सेना ने तुरंत सतर्कता बरती और उपयुक्त कदम उठाए।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया, “आज सुबह 6 बजे तक ताइवान के आस-पास 22 PLA विमान और 5 PLAN जहाज़ों की गतिविधि देखी गई। इन में से 16 विमान मीडियन लाइन को पार कर ताइवान के ADIZ में दाखिल हुए।” यह मीडियन लाइन एक अस्थायी सीमा है जिसे दोनों पक्ष टकराव से बचने के लिए आमतौर पर मानते हैं।

इस सैन्य गतिविधि में तेजी के साथ, पीएलए ने एक दिन पहले भी 4 विमान और 4 जहाज ताइवान क्षेत्र में भेजे थे, जिनमें से 2 विमान ने मीडियन लाइन को पार किया। ताइवान के रक्षा बलों ने हर बार सतर्कता बरतते हुए स्थिति पर नजर रखी है और सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। ताइवान स्ट्रेट पिछले कुछ समय से सामरिक रणनीति का एक विवादित केंद्र बनता जा रहा है। चीन लगातार ताइवान पर अपना दावा जताते हुए यह कहता है कि ताइवान उसका हिस्सा है। बीजिंग की सैन्य गतिविधियों में यह बढ़ोतरी, ताइवान पर उसके दबाव का एक हिस्सा माना जा रहा है।

इस सप्ताह की शुरुआत में चीन ने बड़े सैन्य अभ्यासों की घोषणा की, जिसका नाम “जॉइंट स्वॉर्ड-2024B” है। यह अभ्यास ताइवान स्ट्रेट और आसपास के क्षेत्रों में हो रहा है, जिसे ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थकों के लिए “कड़ी चेतावनी” के रूप में देखा जा रहा है। इसके जवाब में, ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने एक आपात राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक बुलाई और जनता को आश्वासन दिया कि ताइवान अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पीएलए के यह अभ्यास और लगातार हवाई और नौसैनिक गतिविधियां, ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थकों को दबाव में रखने की चीन की रणनीति का हिस्सा हैं। चीन का लक्ष्य ताइवान का “पुन:एकीकरण” है, और वह इसे बल प्रयोग के जरिए हासिल करने की बात करता है।

इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान दे रहा है और ताइवान को समर्थन देने के लिए उसके वैश्विक गठबंधन मजबूत हो रहे हैं। ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका और कनाडा के नौसैनिक जहाजों की हाल की उपस्थिति ने भी इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता को संकेत दिया है।

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