तेलंगाना : सीएम केसीआर ने की नई राष्ट्रीय पार्टी की घोषणा, टीआरएस अब भारत राष्ट्र समिति के नाम से जानी जाएगी
हैदराबाद, 5 अक्टूबर। तेलंगाना के मुख्यमंत्री व तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने की कवायद के साथ बुधवार को नई राष्ट्रीय पार्टी की घोषणा की और टीआरएस का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया।
पार्टी की महत्वपूर्ण आम सभा बैठक में यह फैसला लिया गया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक के दौरान इस बाबत एक प्रस्ताव पारित किया गया है। मुख्यमंत्री केसीआर ने प्रस्ताव पढ़ा और घोषणा की कि पार्टी की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस करने का संकल्प लिया गया। इस घोषणा के बाद पार्टी मुख्यालय के बाहर जुटे कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
టీఆర్ఎస్ పార్టీ సర్వసభ్య సమావేశంలో మాట్లాడుతున్న పార్టీ అధినేత, ముఖ్యమంత్రి శ్రీ కల్వకుంట్ల చంద్రశేఖర్ రావు.
TRS Party President and CM Sri K Chandrashekar Rao speaking at the party's general body meeting at Telangana Bhavan. pic.twitter.com/YfW1kr1CF5
— TRS Party (@trspartyonline) October 5, 2022
कांग्रेस नेता जयराम रमेश का तंज – टीआरएस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू
इस बीच सीएम केसीआर द्वारा नई नेशनल पार्टी की घोषणा पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, एक दिल्ली में सुल्तान जबकि दूसरा हैदराबाद में निजाम है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के प्रस्तावित राष्ट्रीय संगठन बीआरएस के वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) बनने का समय आ गया है।
जयराम रमेश ने कहा, ‘यह (राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा) न केवल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लिए बल्कि टीआरएस के लिए भी एक संदेश है, जिसका चेहरा भाजपा जैसा ही है। भाजपा और टीआरएस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। आपके पास अगर दिल्ली में सुल्तान है, तो हैदराबाद में निजाम है।’
उन्होंने केसीआर पर निशाना साधते हुए कहा कि सुल्तान और निजाम में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए, तेलंगाना में टीआरएस के लिए संदेश है कि यह बीआरएस का समय नहीं, बल्कि वीआरएस लेने का है।