सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति ने अडानी ग्रुप को दी क्लीन चिट, कहा – ‘अब तक नहीं मिली कोई नियामकीय गड़बड़ी’
नई दिल्ली, 19 मई। हिंडनबर्ग-अडानी विवाद मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘वर्तमान में सेबी की ओर से मिले आंकड़ों और स्पष्टीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रथम दृष्टया निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है कि मूल्यों में हेरफेर या किसी तरह की नियामकीय विफलता हुई है।’
क्या है सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में
विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि अदानी ग्रुप ने शेयरों के मूल्यों में कोई गड़बड़ी की थी। आर्टिफिशियल ट्रेडिंग या एक ही पार्टी द्वारा बार-बार ट्रेडिंग के भी सबूत नहीं मिले हैं। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप ने शेयरों के साथ हेरफेर की है और प्राइस को ओवर वैल्यू कर दिया गया।
मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग का उल्लंघन भी नहीं मिला
एससी पैनल की रिपोर्ट के अनुसार अब तक की जांच में मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग का उल्लंघन भी नहीं मिला है। विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सेबी ने 13 विशिष्ट लेनदेन की पहचान की है, जिसकी उसके द्वारा जांच की जा रही है कि क्या वह कानूनी तौर पर मान्य लेनदेन थे या फिर उनमें कोई गड़बड़ी थी। ऐसे में समिति इन लेनदेन पर अभी कोई टिप्पणी नहीं कर सकती।
सेबी को 14 अगस्त तक पूरी करनी है अपनी जांच रिपोर्ट
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की छह जजों वाली विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता पूर्व जज अभय मनोहर सप्रे कर रहे हैं। उनके अलावा इस पैनल में जस्टिस जेपी देवधर, केवी कामथ, नंदन नीलेकणी, ओपी भट्ट और सोमशेखर सुंदरेशन शामिल हैं।
समिति ने सेबी को तय समय सीमा में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। सेबी ने जांच पूरी करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त तक अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सिक्योरिटी मार्केट में डिस्क्लोजर आधारित काम होता है और डिस्क्लोजर कैपिटल जारी करने या लिस्टिंग के लिए जरूरी नियम बनाए गए हैं। समिति के अनुसार यह देखने की जरूरत है कि क्या डिस्क्लोजर में निवेशकों के सामने इतनी सारी जानकारी पहुंच जाती है, जिसके चलते बेहद आवश्यक जानकारी पर निवेशकों की नजर ही नहीं पड़ पाती।
अडानी ग्रुप के शेयरों में उछाल
इस बीच विशेषज्ञ समिति की खबर के फैलते ही अडानी ग्रुप के शेयरों में रिकवरी आई है। ग्रुप की फ्लैगशिप कम्पनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 3 प्रतिशत तक चढ़ गए। वहीं, अडानी पोर्ट, अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी विल्मर के शेयरों में भी तगड़ी रिकवरी आई है।