1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. सुप्रीम कोर्ट मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के फैसले के खिलाफ 10 जुलाई को सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के फैसले के खिलाफ 10 जुलाई को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के फैसले के खिलाफ 10 जुलाई को सुनवाई करेगा

0
Social Share

नई दिल्ली, 7 जुलाई। उच्चतम न्यायालय निर्वाचन आयोग के बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सोमवार को राजी हो गया। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की ‘आंशिक कार्य दिवस’ पीठ ने कई याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल की अगुवाई में कई वरिष्ठ वकीलों की दलीलों को सुना और याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए राजी हुई।

सिब्बल ने पीठ से इन याचिकाओं पर निर्वाचन आयोग को नोटिस देने का अनुरोध किया। न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा, ‘‘हम बृहस्पतिवार को इस पर सुनवाई करेंगे।’’ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई नेताओं ने उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की हैं जिसमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश देने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती दी गई है।

झा ने कहा कि निर्वाचन आयोग का 24 जून का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार), अनुच्छेद 325 (जाति, धर्म और लिंग के आधार पर किसी को भी मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जा सकता) और अनुच्छेद 326 (18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका प्रत्येक भारतीय नागरिक मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के योग्य है) का उल्लंघन करता है, इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।

इससे मिलती-जुलती एक याचिका गैर-लाभकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ने भी दायर की है, जिसमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के निर्वाचन आयोग के निर्देश को चुनौती दी गई है। पीयूसीएल जैसे कई अन्य नागरिक समाज संगठनों और योगेंद्र यादव जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी आयोग के आदेश के खिलाफ शीर्ष न्यायालय का रुख किया है।

निर्वाचन आयोग ने 24 जून को बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण करने के निर्देश जारी किए थे, जिसका उद्देश्य अयोग्य नामों को हटाना और यह सुनिश्चित करना है कि केवल पात्र नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों। बिहार में पिछली बार ऐसा विशेष पुनरीक्षण 2003 में किया गया था।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code