कोरोना से लड़ाई : सर्वोच्च न्यायालय ने कोविड प्रबंधन पर केंद्र सरकार के प्रयासों की तारीफ की
नई दिल्ली, 23 सितम्बर। सर्वोच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी से निबटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है। सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने कोरोना प्रबंधन से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को कहा, ‘हमें इस तथ्य का न्यायिक नोटिस लेना होगा कि भारत ने जो किया है, कोई दूसरा देश नहीं कर सका।’
‘भारत सरकार ने जो किया है, कोई अन्य देश नहीं कर सका’
कोरोना वायरस महामारी से हुई मौतों के लिए अनुग्रह राशि की मांग करने वाली जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए न्यायमूर्ति एम.आर. शाह ने कहा, ‘आज हम बहुत खुश हैं। यह पीड़ित लोगों के लिए कुछ सांत्वना होगी। सरकार जो कुछ भी कर रही है… हमें खुशी है कि पीड़ित व्यक्ति के आंसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है।’
न्यायमूर्ति शाह ने कहा, ‘हमें इस तथ्य का न्यायिक नोटिस लेना होगा कि भारत सरकार ने जो किया है, कोई अन्य देश नहीं कर सका। इतनी बड़ी आबादी के बावजूद, हमने एक देश के रूप में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है।’
जान की भरपाई नहीं कर सकते, लेकिन कुछ कर सकते हैं
शीर्ष अदालत की ओर से मिली तारीफ पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में भारत ने वास्तव में अच्छी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘कोविड महामारी से हुए नुकसान की भरपाई हम नहीं कर सकते, लेकिन हम कुछ कर सकते हैं।’
एसजी मेहता ने सुनवाई के दौरान पीठ को एसडीआरएफ द्वारा जारी दिशानिर्देशों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा, ‘एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए हमने तय किया कि एसडीआरएफ से राज्य मृतकों के परिजनों को 50,000 रुपये देंगे, जिनकी मृत्यु COVID-19 के कारण हुई है।’
कोरोना मृतकों के परिजनों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि
इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देते हुए जानकारी दी थी कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कोविड-19 से जान गंवा चुके लोगों को परिजनों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश की है।
केंद्र ने कहा कि कोविड-19 राहत कार्य में शामिल रहने या महामारी से निबटने के लिए तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजन को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी। यह सहायता राशि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में जान गंवा चुके लोगों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि महामारी की भविष्य में आ सकने वाली लहर में भी और अगली अधिसूचना तक जारी रहेगी।
राज्यों की ओर से एसडीआरएफ के जरिए मुहैया कराई जाएगी राशि
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अनुग्रह राशि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से राज्यों द्वारा मुहैया कराई जाएगी और जरूरी दस्तावेज सौंपने के 30 दिनों के अंदर सभी दावों का निबटारा किया जाएगा। इस क्रम में आधार से जुड़ी प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) प्रक्रिया के जरिए अनुग्रह राशि हस्तांतरित की जाएगी।