1. Home
  2. राज्य
  3. उत्तरप्रदेश
  4. सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने दिया सुझाव – यूपी में लागू करें ‘नो हेलमेट – नो एंट्री – नो अटेंडेंस’ का नियम
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने दिया सुझाव – यूपी में लागू करें ‘नो हेलमेट – नो एंट्री – नो अटेंडेंस’ का नियम

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने दिया सुझाव – यूपी में लागू करें ‘नो हेलमेट – नो एंट्री – नो अटेंडेंस’ का नियम

0
Social Share

लखनऊ, 6 फरवरी। सड़क सुरक्षा को लेकर गठित सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान दुपहिया वाहन चालकों की मौत के लगातार बढ़ रहे आंकड़ों पर चिंता जताई है। इस कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने लखनऊ में विभिन्न सरकारी विभागों के आला अफसरों के साथ बैठक करते हुए सड़क सुरक्षा के मानकों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिया है। इसके साथ ही कमेटी ने यूपी में ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ के बाद अब ‘नो हेलमेट-नो एंट्री-नो अटेंडेंस’ को लागू करने का सुझाव दिया है।

4 वर्ष से ऊपर के बच्चे को भी हेलमेट लगाना अनिवार्य किया जाए

कमेटी ने ‘नो हेलमेट-नो एंट्री-नो अटेंडेंस’ को स्पष्ट करते हुए कहा कि बिना हेलमेट दफ्तर आने वाले कर्मचारियों और स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों की अनुपस्थिति दर्ज की जाए। इसके साथ ही राज्य में चार वर्ष से ऊपर के बच्चे को भी लगाना अनिवार्य किया जाए। इन सभी सुझावों को सख्ती से लागू किया जाए।

राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइसेस लगाए जाएं

कमेटी ने राज्य में एक्सप्रेस वे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइसेस न लगाए जाने पर नाराजगी भी जताई और कहा कि दुर्घटना बाहुल्य सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर उसे सुधारने व कैमरा लगाने के साथ सड़क सुरक्षा से जुड़े मनकों को पूरा किया जाए।

नो हेलमेट-नो फ्यूल अभियान पहले से ही चलाया जा रहा

योजना भवन में कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने एक्स्प्रेस वे तथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बढ़ रही दुर्घटनों पर चिंता जताई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से उन्होंने सड़क दुर्घटनों को रोकने को लेकर सुझाव भी मांगे तो उन्हें बताया गया कि लखनऊ में ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पेट्रोल पम्पों पर बिना हेलमेट के आने वाले दुपहिया वाहन चालकों के वाहन में पेट्रोल नहीं भरा जा रहा है।

जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि अब इस अभियान में ‘नो हेलमेट-नो एंट्री-नो अटेंडेंस’ का प्रावधान जोड़ा जाए। मतलब सभी सरकारी विभागों, अर्द्ध सरकारी विभागों, बैंक, स्कूल-कॉलेजों के साथ ही निजी संस्थानों में भी बिना हेलमेट वाहन से आने वाले कर्मचारियों और विद्यार्थियों को अनुपस्थित माना जाए ताकि राज्य में अपनी सुरक्षा को लेकर एक वातावरण बने और लोग हेलमेट पहनकर ही दुपहिया वाहन चलाएं।

ऐसा होने पर सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम होगा और लोग भी सुरक्षित रहेंगे। इस बैठक में बताया गया कि सड़क हादसों में बीते एक साल में 31 फीसदी मौतें दो पहिया वाहन चलाने वालों की हुई हैं। इन आंकड़ों को खतरनाक बताते हुए बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि दो पहिया वाहनों पर पीछे बैठने वालों को भी हेलमेट लगाने के लिए जागरुक किया जाए। पीछे बैठे बच्चे की उम्र यदि चार वर्ष से अधिक है तो उसे भी हेलमेट लगाना जरूरी किया जाए। ऐसा न होने पर वाहन चालक के खिलाफ सख्त काररवाई की जाए।

ये सुझाव भी दिए गए

इसके अलावा बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक के. सत्यनारायण ने अन्य राज्यों की भांति प्रत्येक जिले में यातायात तथा सड़क दुर्घटना से संबंधित विशिष्ट कार्यों के लिए यातायात थाना बनाने का सुझाव दिया। अपर मुख्य सचिव परिवहन वेंकेटेश्वर लू ने यह कहा कि परिवहन विभाग की ऑनलाइन योजनाओं के पोर्टल के उपयोग के लिए जन-सुविधा केंद्रों का सहयोग लिया जाए।

वहीं परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने परिवहन तथा अन्य सभी स्टेक होल्डर विभागों में प्रयुक्त होने वाले सभी प्रकार के पोर्टल को एक प्लेटफॉर्म पर एकीकृत करने का सुझाव दिया। इन सभी सुझावों पर अध्यक्ष ने आवश्यक काररवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी के सभी राष्ट्रीय राज्य मार्गों पर स्पीड कैमरा, एएनपीआर कैमरा, सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य समय से पूरा किया जाए।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code