न्यूयॉर्क में बोले विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर – आतंकवाद को कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा भारत
न्यूयॉर्क, 27 मई। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता और न ही कूटनीति के रूप में इसे जायज बता सकता है। पांच दिवसीय अमेरिकी दौरे पर पहुंचे डॉ. जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एच.आर. मैकमास्कर के साथ बुधवार को यहां बातचीत के दौरान उक्त टिप्पणी की।
आतंकवाद पर भारत की मंशा स्पष्ट करते हुए डॉ. जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम पर हालिया समझौते को अच्छा कदम बताया, लेकिन साथ ही इंगित किया कि दोनों देशों के बीच कुछ बड़े मुद्दे लंबित हैं। उन्होंने कहा, ‘एक न एक दिन दोनों पड़ोसियों को रास्ते तलाशने होंगे। यह सवाल नहीं है कि क्या हम एक साथ रह सकते हैं।’
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि महामारी की वजह से भारत इस समय बहुत तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम वास्तव में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में भोजन दे रहे हैं। पिछले साल कई महीने तक दिया और दूसरी लहर आने के बाद इस समय फिर से दे रहे हैं। हमने 40 करोड़ लोगों के बैंक खातों में पैसा डाला है।’
- बड़े देश अपने हित देखेंगे तो दुनिया में बड़ी समस्या होगी
हूवर इंस्टीट्यूशन की ओर से आयोजित ‘भारत: रणनीतिक भागीदारी के लिए अवसर और चुनौतियां’ विषय पर आयोजित संवाद सत्र के दौरान कोरोना वायरस की स्थिति पर विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के एक हिस्से का टीकाकरण होना और एक हिस्से का नहीं होना, किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर बड़े देश हर चीज को नजरअंदाज कर अपने-अपने राष्ट्रीय हितों पर ध्यान देंगे तो दुनिया में बड़ी समस्या पैदा होगी।
इस दौरान डॉ. जयशंकर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया जा चुका है। ऐसा तब हुआ, जब कुछ ही हफ्तों पहले दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशक के बीच एक समझौता हुआ था कि वे नियंत्रण रेखा के पार एक-दूसरे पर गोलियां नहीं चलाएंगे।