लद्दाख हिंसा को लेकर सोनम वांगचुक की मुश्किलें बढ़ीं, उनके NGO की चल रही CBI जांच, पाकिस्तान से कनेक्शन की खबरें
नई दिल्ली, 25 सितम्बर। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर जारी आंदोलन के बीच हुए हिंस प्रदर्शन के कारण ख्यातिनाम जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक फिर चर्चा में हैं। गृह मंत्रालय ने लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। अब सोनम के विदेश से अवैध फंडिंग की जांच और पाकिस्तान यात्रा पर उठ रहे सवाल बता रहे हैं कि सुरक्षा एजेंसियां उन्हें काफी दिनों से संदिग्ध मान रही थीं।
क्यों हुई लद्दाख में हिंसा
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को बंद के आह्वान पर लेह शहर में बाजार दुकानें बंद रहीं। बड़ी संख्या में लोग एनडीएस स्मारक मैदान पर इकट्ठा हो गए। बाद में छठी अनुसूची और राज्य के समर्थन में नारे लगाते हुए शहर की सड़कों पर मार्च निकाला। स्थिति तब ज्यादा बिगड़ गई, जब कुछ लोगों ने भाजपा और हिल काउंसिल के मुख्यालय पर पथराव कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय परिसर और एक इमारत में मौजूद फर्नीचर और कागजात में आग लगा दी। एक ग्रुप ने कई वाहनों को भी फूंक दिया। हालात काबू करने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। गोलीबारी भी करनी पड़ी। कई घंटों की भीषण झड़प के बाद स्थिति काबू में आई।
वहीं सोनम वांगचुक ने 15 दिनों बाद अपना उपवास तोड़ते हुए युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी भी प्रकार की आगजनी या झड़प से आंदोलन की नैतिकता कमजोर होगी। उन्होंने लेह हिंसा पर दुख व्यक्त करते हुए इसके लिए युवाओं में पनप रही हताशा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हिंसक विरोध का संभवतः यही तात्कालिक कारण था।
वांगचुक ने इसी वर्ष 6 फरवरी को पाकिस्तान यात्रा की थी
फिलहाल सरकार वांगचुक की भूमिका संदिग्ध मान रही है। CBI सोनम वांगचुक और उनकी संस्था के खिलाफ विदेश से मिली फंडिंग की जांच कर रही है। यह जांच पिछले दो माह से चल रही है, लेकिन अभी केस दर्ज नहीं हुआ है। संस्था पर अवैध तरीके से विदेश फंडिंग लेने का आरोप है। वांगचुक ने इसी वर्ष छह फरवरी को पाकिस्तान यात्रा भी की थी। उसे लेकर भी सवाल उठे थे।
एनजीओ का जमीन आवंटन रद
सीबीआई ने सोनम वांगचुक की NGO हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड लर्निंग (HIAL) के खिलाफ कथित FCRA उल्लंघन की जांच शुरू की थी। अगस्त में लद्दाख प्रशासन ने HIAL की जमीन आवंटन रद किया था। प्रशासन ने दावा किया था कि जमीन का उपयोग आवंटन उद्देश्य के लिए नहीं हुआ और कोई लीज एग्रीमेंट भी नहीं हुआ।
