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एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव – अब महात्मा गांधी, गोडसे व आरएसएस से जुड़ी कई बातें पढ़ने को नहीं मिलेंगी

एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव – अब महात्मा गांधी, गोडसे व आरएसएस से जुड़ी कई बातें पढ़ने को नहीं मिलेंगी

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नई दिल्ली, 5 अप्रैल। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी के पाठ्यक्रमों में कुछ बदलाव किए हैं। हालांकि, ये बदलाव पिछले साल ही कर लिए गए थे. लेकिन बाजारों में किताबें अब छपकर आई हैं।

एनसीईआरटी के अनुसार, सिलेबस में जो बदलाव हुआ है, वह देशभर के उन सभी स्कूलों पर लागू होगा, जहां एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जा रही हैं। ये बदलाव मौजूदा एकेडमिक सेशन (2023-24) से लागू किए जाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किताब से महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे से जुड़ी कई बातों को भी हटा दिया गया है. हालांकि, पिछले साल जून में एनसीईआरटी की तरफ से आधिकारिक रूप से जारी लिस्ट में इन्हें हटाए जाने का जिक्र नहीं था। अब हाल ही बाजारों में आई नई किताबों में कुछ लाइनें हटा दी गई हैं।

क्या-क्या हटाया गया

  • महात्मा गांधी को वे लोग विशेष रूप से नापसंद करते थे, जो चाहते थे कि हिन्दू बदला लें या जो चाहते थे कि भारत हिन्दुओं के लिए एक देश बने, ठीक वैसे ही जैसे पाकिस्तान मुसलमानों के लिए था।
  • हिन्दू-मुस्लिम एकता के उनकी दृढ़ कोशिश ने हिन्दू चरमपंथियों को इतना उकसाया कि उन्होंने गांधीजी की हत्या के कई प्रयास किए।
  • गांधीजी की मृत्यु का देश में साम्प्रदायिक स्थिति पर लगभग जादुई प्रभाव पड़ा। भारत सरकार ने साम्प्रदायिक नफरत फैलाने वाले संगठनों पर नकेल कस दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया।
  • गुजरात दंगों का तीसरा और अंतिम संदर्भ कक्षा 11 की समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक ‘अंडरस्टैंडिंग सोसाइटी’ से हटा दिया गया है।
  • उस पैराग्राफ को भी हटा दिया गया है, जो इस बारे में बात करता है कि कैसे वर्ग, धर्म और जातीयता अक्सर आवासीय क्षेत्रों के अलगाव का कारण बनती है और फिर यह 2002 में गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देती है कि कैसे सांप्रदायिक हिंसा यहूदी बस्ती को आगे बढ़ाती है।
  • 12वीं कक्षा की इतिहास की किताब से ‘थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट III’ में, परिषद ने गोडसे के लिए एक “ब्राह्मण” संदर्भ को हटा दिया है और कहा कि वह “एक चरमपंथी हिंदू समाचार पत्र के संपादक” थे।

पुस्तकों से ये अध्याय भी हटाए गए

दरअसल, पिछले वर्ष एनसीईआरटी ने बच्चों के भार को कम करने के लिए सभी विषयों के सिलेबस में बदलाव किया था। एनसीईआरटी का कहना था कि इससे बच्चों को जल्दी सिलेबस कवर करने में मदद मिलेगी। हिन्दी की किताब से कुछ कविताएं और पैराग्राफ भी हटा दिए गए हैं। मुगल काल के शासकों और उनके इतिहास पर आधारित अध्यायों को थीम्स ऑफ़ इंडियन हिस्ट्री पार्ट II नामक किताब से हटा दिया गया है। नागरिक शास्त्र की किताब से ‘विश्व राजनीति में अमेरिकी वर्चस्व और शीतयुद्ध का दौर जैसे पाठ पूरी तरह से हटा दिए गए हैं।

NCERT के डायरेक्टर सकलानी बोले – सारे बदलाव पिछले वर्ष ही हुए थे

यह पूछे जाने पर कि महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित बदलाव जून, 2022 में जारी एनसीईआरटी के ऑफिशियल डॉक्यूमेंट में क्यों नहीं आए, इसपर एनसीईआरटी के डायरेक्टर डीएस सकलानी ने कहा कि इस बार कुछ भी नया नहीं है। बदलाव पिछले वर्ष हुए थे। इस बार कुछ नया नहीं किया है। वहीं, उनके सहयोगी और एनसीईआरटी के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी के प्रमुख एपी बेहेरा ने कहा, ‘हो सकता है कि निरीक्षण के कारण कुछ चीजें टेबल से छूट गई हों, लेकिन इस वर्ष कोई नया बदलाव नहीं किया गया है। यह सब पिछले वर्ष ही हुआ था।’

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