नई दिल्ली, 24 जनवरी। भारत की स्टार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर का पुरस्कार जीत लिया है। वह ऑस्ट्रेलिया की ऑलराउंडर एलिस पेरी के बाद वार्षिक आईसीसी पुरस्कारों की महिला समग्र श्रेणी में सर्वोच्च व्यक्तिगत अवार्ड जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं।
मंधाना ने इस अवार्ड की रेस में इंग्लैंड के टैमी ब्यूमोंट, दक्षिण अफ्रीका की लीजेल ली और आयरलैंड की गैबी लुइस को मात दी। वैसे तो मंधाना को महिला टी20 इंटरनेशनल प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था, लेकिन वह पुरस्कार टैमी ब्यूमोंट ने जीता था। मंधाना आईसीसी वार्षिक पुरस्कार जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला हैं। झूलन गोस्वामी ने 2007 में एक ही पुरस्कार जीता था।
A year to remember 🤩
Smriti Mandhana's quality at the top of the order was on full display in 2021 🏏
More on her exploits 👉 https://t.co/QI8Blxf0O5 pic.twitter.com/3jRjuzIxiT
— ICC (@ICC) January 24, 2022
मंधाना को वर्ष की महिला टी20 टीम में भी जगह मिली थी
गौरतलब है कि बीते बुधवार को 2021 में क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में शानदार प्रदर्शन के बल पर मंधाना को आईसीसी की साल की महिला टी20 टीम में भी जगह मिली थी, लेकिन कोई भारतीय पुरुष टीम में जगह नहीं बना पाया था।
बीते वर्ष 22 मैचों में एक शतक सहित बनाए 855 रन
बीत वर्ष एक दिनी अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रदर्शन की बात करें तो मंधाना ने तीन सीरीज में 22 मैचों में 38.86 के औसत से 855 रन बनाए, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीमित ओवरों की घरेलू सीरीज में भारतीय टीम को आठ में से छह मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। टीम जिन दो मुकाबलों को जीतने में सफल रही थी, उनमें मंधाना की भूमिका अहम थी। दूसरे एकदिवसीय में उनके नाबाद 80 रन के बूते भारत ने सफलतापूर्वक 158 रनों के लक्ष्य का पीछा किया था। इसके बाद टी20 सीरीज के अंतिम मैच में उन्होंने 48 रनों की पारी खेल भारतीय टीम को जीत दिलाई।
मंधाना ने इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट की पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 78 रन बनाये थे। यह मैच ड्रॉ रहा था। उन्होंने इस टीम के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज में भारत की एकमात्र जीत में 49 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज में उनकी 15 गेंदों पर 29 और फिर अर्धशतकीय पारी टीम के काम नहीं आई। भारतीय टीम इन दोनों मैचों के साथ सीरीज भी 1-2 से हार गई।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी उनके बल्ले ने खूब चमक बिखेरी। उन्होंने एकदिवसीय सीरीज के दूसरे मैच में 86 रन बनाये थे। दौरे पर खेले गए दिवा-रात्रि टेस्ट में उन्होंने खेल के सबसे लंबे प्रारूप में पहली शतकीय पारी खेली। उन्होंने 127 रन बनाये। वह इस ड्रा मैच में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुनी गई थीं।