1. Home
  2. हिंदी
  3. राष्ट्रीय
  4. लखीमपुर खीरी हिंसा : सुप्रीम कोर्ट ने धीमी जांच प्रक्रिया पर यूपी सरकार को फिर लगाई फटकार
लखीमपुर खीरी हिंसा : सुप्रीम कोर्ट ने धीमी जांच प्रक्रिया पर यूपी सरकार को फिर लगाई फटकार

लखीमपुर खीरी हिंसा : सुप्रीम कोर्ट ने धीमी जांच प्रक्रिया पर यूपी सरकार को फिर लगाई फटकार

0
Social Share

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर हत्याकांड जांच मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के ‘ढीले रवैये’ के लिए बुधवार को एक बार फिर उसे फटकार लगाई और गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के साथ ही उनकी समुचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिये। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान जांच स्टेटस समय पर अदालत में पेश नहीं करने को लेकर सरकार को फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम स्टेटस रिपोर्ट का इंतजार करते रहे लेकिन समय पर नहीं पेश किया गया। स्टेटस रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की गई। कम से कम पूरी रिपोर्ट पेश की जानी चाहिए थी।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने शुक्रवार तक का समय मांगा था। सुनवाई के दौरान साल्वे ने अदालत को बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई है। वहीं 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जो न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि चार आरोपी पुलिस हिरासत में है। मुख्य न्यायाधीश ने सरकार को आदेश दिये कि गवाहों के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कराने के साथ ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

उच्चतम न्यायालय ने गत आठ अक्टूबर को भी सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की जांच पर सवाल खड़े करते हुए फटकार लगाई थी और जांच की स्टेटस रिपोर्ट अदालत में जल्द पेश करने का आदेश दिये थे। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को कार से कुचलकर चार किसानों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद उसी दिन भड़की हिंसा में भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ताओं के अलावा एक कार चालक और एक पत्रकार की मृत्यु हो गई थी। घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी।

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र और उसके साथियों पर कार से कुचलकर किसानों को मारने का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने आशीष को गिरफ्तार किया था जो न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
उच्चतम न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को करेगा। इस मामले में दो वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जनहित याचिका के तहत सुनवाई की गुहार लगाई थी जिसमें मामले की सीबीआई और न्यायिक जांच की मांग की गई है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code