कांग्रेस का आरोप : प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया, लेकिन प्रज्वल पर चुप्पी नहीं तोड़ी
नई दिल्ली, 1 जून। कांग्रेस ने यौन शोषण मामले में कर्नाटक के हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी के लिए राज्य सरकार को बधाई देते हुए शनिवार को इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ को लेकर सवाल खड़े किए। पार्टी की महिला इकाई की अध्यक्ष अलका लांबा ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा जरूर दिया, लेकिन इस संगीन मामले पर अब तक वह कुछ नहीं बोले और यहां तक कि आरोपित सांसद के लिए लोकसभा चुनाव में वोट भी मांगे।
कर्नाटक सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने प्रज्वल को गिरफ्तार किया है। लांबा ने संवाददाताओं से कहा, “हम कर्नाटक सरकार को बधाई देते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ‘बेटी बचाओ का नारा’ देते रहे, लेकिन उन्होंने प्रज्वल रेवन्ना पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।
उन्होंने कहा, “कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा कि देश छोड़कर भाग चुके प्रज्वल रेवन्ना को वापस लाया जाए। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। ये दिखाता है कि प्रज्वल रेवन्ना के मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी कितने गंभीर थे?”
अलका लांबा ने कहा, “राहुल गांधी जी ने पत्र लिखकर पीड़िताओं को न्याय का आश्वासन दिया था। उन्होंने नरेंद्र मोदी से सवाल भी पूछा था कि आप आरोपी को क्यों बचा रहे हैं? प्रियंका गांधी जी ने भी प्रज्वल रेवन्ना के मामले में नरेन्द्र मोदी जी की खामोशी पर सवाल उठाए थे। लेकिन प्रधानमंत्री ने आजतक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।” उन्होंने दावा किया, “राजस्थान में बीते पांच महीने में 12 हजार महिलाओं के साथ दुष्कर्म और प्रताड़ना के मामले सामने आए हैं। 1,644 नाबालिगों के साथ दरिंदगी हुई।”
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने यह भी कहा, “मध्य प्रदेश के सीधी में 25 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं, छात्राओं के साथ दुष्कर्म हुआ। दुर्भाग्य है कि पिछले 10 साल में मोदी बेटियों को न्याय दिलाने में नाकाम साबित हुए हैं।” लांबा ने दावा किया कि चार जून को भारतीय जनता पार्टी की सत्ता से विदाई हो रही है और इसके बाद विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की सरकार बनेगी, जिसमें देश को एक जिम्मेदार राष्ट्रीय महिला आयोग और एक जिम्मेदार महिला एवं बाल विकास मंत्री मिलेंगी।