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सोने के भाव में गिरावट का असर : धनतेरस पर लगभग 75 हजार करोड़ के 15 टन गहनों और सिक्कों की बिक्री

सोने के भाव में गिरावट का असर : धनतेरस पर लगभग 75 हजार करोड़ के 15 टन गहनों और सिक्कों की बिक्री

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नई दिल्ली/मुंबई, 3 नवंबर। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के भाव में गिरावट का असर धनतेरस के दिन दिखा और देशभर में लगभग 75 हजार करोड़ रुपये के 15 टन स्वर्णाभूषणों और सिक्कों की बिक्री हो गई। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का कुछ ऐसा ही कहना है।

गौरतलब है कि सोने का मौजूदा भाव ऑल टाइम हाई से लगभग आठ हजार रुपये सस्ता चल रहा है। सोने की कीमतें गत अगस्त माह में करीब 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर तक जा पहुंची थीं।

कैट ने एक बयान में कहा, ‘आभूषण उद्योग महामारी की वजह से आयी मंदी से उबरा है। धनतेरस पर देशभर में लगभग 75,000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। करीब 15 टन सोने के आभूषणों की बिक्री हुई।’

दक्षिण भारत में लगभग 2,000 करोड़ रुपये की बिक्री का अनुमान

बयान के अनुसार इसमें दिल्ली में 1,000 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र में करीब 1,500 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश में करीब 600 करोड़ रुपये की अनुमानित बिक्री शामिल है। दक्षिण भारत में, लगभग 2,000 करोड़ रुपये होने की बिक्री होने का अनुमान है।

ज्ञातव्य है कि महामारी की घटती चिंताओं और मांग में तेजी के साथ उपभोक्ताओं की भीड़ सोने की खरीदारी के लिए दुकानों का रुख कर रही है। इस क्रम में दीपावली से पहले बाजारों में धनतेरस की सकारात्मक शुरुआत हुई और खोई चमक वापस पाते हुए सोने के आभूषणों और सिक्कों की बिक्री कोविड से पहले के स्तर पर पहुंचने की ओर है। हिन्दू मान्यता के अनुसार धनतेरस को कीमती धातुओं से लेकर बर्तनों तक की खरीदारी के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है।

पिछले वर्ष धनतेरस पर सोना 39,240 रुपये प्रति 10 ग्राम था

सोने की कीमत मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में 46,000-47,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (करों को छोड़कर) के दायरे में थी। हालांकि, सोने की दर अब भी धनतेरस, 2020 के भाव 39,240 रुपये प्रति 10 ग्राम की तुलना में 17.5 प्रतिशत अधिक है।

अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण स्थानीय परिषद के चेयरमैन आशीष पेठे ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि बिक्री की मात्रा (पूर्व-कोविड स्तरों की तुलना में) बराबर होगी क्योंकि दरें 2019 से बढ़ी हैं। मूल्य के संदर्भ में हम 2019 के स्तर से 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करते हैं।’

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