
अमेरिका से भारतीयों की वापसी पर एस जयशंकर का संसद में बयान – यह कोई नया प्रॉसेस नहीं
नई दिल्ली, 6 फरवरी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिका से कथित अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के मुद्दे पर आज दोपहर दो बजे संसद में बयान दिया। उन्होंने डिपोर्टेशन पर संयुक्त राष्ट्र की संधि का जिक्र किया और कहा कि ये लीगल माइग्रेशन को सपोर्ट करने और अवैध माइग्रेशन को हतोत्साहित करने लिए है।
अमेरिकी नियम के हिसाब से यह काररवाई की गई
जयशंकर ने यह भी कहा कि डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है। उन्होंने अमेरिका से 2009 से 2024 तक भारत निर्वासित किए गए लोगों के आंकड़े भी सदन के समक्ष रखे और कहा कि हर वर्ष अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाता है। यह अमेरिकी नियम के हिसाब से काररवाई की गई है। इस क्रम में पहली बार वर्ष 2009 में 734, वर्ष 2010 में 799, वर्ष 2011 में 597, वर्ष 2012 में 530 भारतीयों को निर्वासित किया गया था।
अमेरिका से कहेंगे – निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का बुरा बर्ताव न हो
विदेश मंत्री ने राज्यसभा को जानकारी दी कि भारत अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘यदि कोई नागरिक विदेश में रह रहा पाया जाता है तो उसे वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है। हम अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का बुरा बर्ताव न हो।’
The process of deportation is not new and has been ongoing for several years.
EAM shares the details of deportation with the house since 2009@DrSJaishankar @MEAIndia pic.twitter.com/8r282MbNN2
— SansadTV (@sansad_tv) February 6, 2025
‘104 भारतीयों को वापस भेजने के बारे में पूरी जानकारी थी‘
जयशंकर ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के सवाल पर कहा, ‘104 भारतीयों को वापस भेजने के बारे में हमें पूरी जानकारी थी। हमने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे वापस आने वाले भारतीयों से बैठकर बात करें कि वे कैसे अमेरिका पहुंचे। उन्हें किसी एजेंट्स ने धोखा दिया था या फिर कुछ और वजह थी।’
विपक्षी दलों ने खड़े किए सवाल
विपक्षी पार्टियों के कई सारे सांसदों ने अमेरिका में अवैध तरीके से भारतीयों को वापस भेजने के तरीके पर सवाल खड़े किए। बुधवार को एक अमेरिका का सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ और पैरों में हथकड़ी लगी रही और जब वह अमृतसर के एयरपोर्ट पर पहुंचे उसी के बाद में उन्हें खोला गया। इनमें से हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन तथा चंडीगढ़ से दो लोग शामिल थे।
डंकी रूट के जरिये अमेरिका भेजा गया
अवैध रूप से अमेरिका में प्रवास करने वाले एक भारतीय शख्स ने कहा, ‘मुझसे झूठ बोला गया था कि मुझे कानूनी तरीके से भेजा जाएगा, लेकिन मुझे डंकी रूट के जरिए भेजा गया। मुझे रास्ते में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अब जब मैं वापस आ गया हूं, तो मैं यहां काम करूंगा। मैंने बड़ी मुश्किल से सीमा पार की। मैं आठ महीने में वहां पहुंचा। मुझे 20 दिनों तक अमेरिकी सीमा पर जेल में रखा गया और फिर मुझे वापस भेज दिया गया।’
‘सरकार हमारे पैसे वापस दिलाने में हमारी मदद करे‘
उसने कहा, ‘हमारे हाथ-पैर जंजीरों से बांध दिए गए और हमें बताया गया कि हमें वापस भारत भेजा जा रहा है। हमें अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने में 40 घंटे लगे। बच्चों को छोड़कर सभी को जंजीरों से बांध दिया गया। अब हम यहां खेती करेंगे। स्थानीय विधायक ने कहा है कि सरकार हमारी मदद करेगी। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारे पैसे वापस दिलाने में हमारी मदद करे। हमसे झूठ बोला गया और डंकी रूट से अवैध तरीके से भेजा गया।’