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पेरिस ओलम्पिक बैडमिंटन : ग्रुप चरण में अजेय पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन का नॉकआउट दौर में प्रवेश

पेरिस ओलम्पिक बैडमिंटन : ग्रुप चरण में अजेय पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन का नॉकआउट दौर में प्रवेश

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पेरिस, 31 जुलाई। दो बार की ओलम्पिक पदक विजेता पीवी सिंधु और विश्व नंबर 22 लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलम्पिक खेलों के एकल बैडमिंटन मुकाबलो में अपना अभियान जारी रखा और ग्रुप चरण में अजेय रहते हुए बुधवार को नॉकआउट दौर (पूर्व क्वार्टरफाइनल) में प्रवेश कर लिया। एकल में भारत के तीसरे चुनौतीकर्ता एचएस प्रणय आज ही रात ग्रुप चरण का अपना अंतिम मैच खेलेंगे।

सिंधु ने एस्तोनिया की क्रिस्टीन को 34 मिनट में किनारे लगाया

रियो 2016 में रजत और टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतने वालीं सिंधु ने ला चैपल एरिना के कोर्ट नंबर एक पर ग्रुप एम के अपने आखिरी मैच में एस्तोनिया की क्रिस्टीन कूबा को 34 मिनट में 21-5, 21-10 से हराया। सिंधु ने टोक्यो में कूबा को ही हराकर कांस्य पदक जीता था।

लक्ष्य सेन ने विश्व नंबर 4 जोनाथन क्रिस्टी को चौंकाया

वहीं विश्व चैम्पियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता अल्मोड़ा के 23 वर्षीय स्टार लक्ष्य ने मौजूदा आल इंग्लैंड विजेता और एशियाई खेल चैम्पियन इंडोनेशियाई जोनाथन क्रिस्टी को चौंका दिया। लक्ष्य ने 50 मिनट तक खिंचा यह मुकाबला 21-18, 21-12 से जीता।

सिंधु के सामने अब चीनी स्टार ही बिंग जियाव

मुकाबलों की बात करें तो पहले मैच की ही तरह 10वीं सीड सिंधु को इस मुकाबले में भी ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा। विश्व रैंकिंग में 73वें स्थान पर काबिज कूबा अपनी ख्यातिनाम प्रतिद्वंद्वी का सामना नहीं कर सकीं। सिंधु ने जीत के बाद कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। ग्रुप में शीर्ष पर रहना जरूरी था। अब सामना ही बिंग जियाव से होगा। इस जीत से मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा। अगले मुकाबले आसान नहीं होंगे, लिहाजा मुझे शत प्रतिशत तैयार रहना होगा।’

‘मुझे खुशी होती है, जब लोग कहते हैं कि आपसे हैट्रिक चाहिए

29 वर्षीया सिंधु ने कहा, ‘मैं मैच दर मैच रणनीति बना रही हूं। पदक जीतना है और मुझे खुशी होती है, जब लोग कहते हैं कि आपसे हैट्रिक चाहिए। आपसे पदक चाहिए। लेकिन इसके साथ काफी जिम्मेदारी और दबाव भी आता है, जिसे हावी नहीं होने देना है।’ छठी सीड चीनी स्टार बिंग जियाव से 20 मुलाकातों में सिंधु का रिकॉर्ड 9-11 है।

क्रिस्टी से छह मुलाकातो में लक्ष्य की सिर्फ दूसरी जीत

लक्ष्य की बात करें तो इससे पहले उन्होंने क्रिस्टी को सिर्फ एक बार चार वर्ष पहले बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप में हराया था। दोनों के बीच ओलम्पिक मुकाबले से पहले हुए पांच में से चार मुकाबले क्रिस्टी ने जीते थे। इस मुकाबले में लक्ष्य काफी परिपक्वता दिखाते हुए आक्रामक प्रदर्शन किया।

पहले गेम में लक्ष्य ने पिछड़ने के बाद वापसी की

क्रिस्टी ने पहले गेम में ने 5-0 की बढत बना ली थी, 8-2 तक पहुंच गई। लक्ष्य ने शानदार वापसी करते हुए अपने विरोधी को गलतियां करने पर मजबूर किया और अंतर 7-8 कर दिया। एक समय स्कोर 16-16 से बराबरी पर था, जिसके बाद क्रिस्टी ने दो अंक हासिल किया। लेकिन लक्ष्य ने वापसी करते हुए फिर बराबरी की। पीछे से शानदार रिटर्न पर लक्ष्य ने बढत बनाई और फिर गेम प्वॉइंट भुनाकर पहला गेम जीत लिया ।

दूसरे गेम में लक्ष्य ने जजमेंट की कुछ गलतियां कीं, लेकिन दबाव नहीं बनने दिया। अपने शानदार पुश और स्मैश से उन्होंने क्रिस्टी को लगातार गलतियां करने पर विवश किया। क्रिस्टी ब्रेक तक पूरी तरह दबाव में आ चुके थे और फिर वापसी नहीं कर सके।

लक्ष्य बोले – ‘अपने प्रदर्शन से खुश हूं, नजरें स्वर्ण पदक पर हैं

प्रभावशाली जीत के बाद लक्ष्य ने कहा, ‘यह काफी कठिन मैच था और मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। स्वर्ण पदक पर नजरें हैं। पिछले कुछ महीने से प्रदर्शन अच्छा रहा है। उतार-चढाव आए हैं, लेकिन कुल मिलाकर प्रदर्शन अच्छा ही रहा है।’ लक्ष्य का सामना अब हमवतन एचएस प्रणय से हो सकता है, जो आज रात ग्रुप के में अपना आखिरी मैच वियतनाम के ली डुक फाट से खेलेंगे।

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