
पुतिन ने ट्रंप को फिर दिया झटका, बोले – सीजफायर समझौता मंजूर नहीं, मांगों की नई सूची भी थमाई
नई दिल्ली, 1 अप्रैल। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका दे दिया है। इस क्रम में रूस ने कहा है वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रखे गए यूक्रेन युद्धविराम के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है, लेकिन उसे डील का मौजूदा स्वरूप मंजूर नहीं है। रूसी सरकारी मीडिया आउटलेट्स का हवाले से डेली मेल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉस्को ने अमेरिकी सीजफायर समझौते को मानने से इनकार कर दिया है और मांगों की एक नई सूची भी जारी की है।
रिपोर्ट के अनुसार रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा, ‘हम अमेरिकियों द्वारा प्रस्तावित मॉडल और समाधानों को बहुत गंभीरता से लेते हैं, लेकिन हम इसे इसके वर्तमान स्वरूप में स्वीकार नहीं कर सकते।’
ट्रंप ने रविवार को जाहिर की थी निराशा
इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच संघर्षविराम को लेकर किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाने के कारण ट्रंप ने रविवार को निराशा व्यक्त की थी और युद्ध को समाप्त करने की अपनी पहल में रूसी समकक्ष पुतिन एवं यूक्रेन के उनके समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की के रुख को लेकर उन पर निशाना साधा था। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा था, ‘हमने संघर्षविराम की दिशा में काफी प्रगति की है और स्वीकार किया कि दोनों नेताओं के बीच काफी कटुता है।’
रूस पर टैरिफ लगाने की दी थी धमकी
ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने निजी क्लब ‘मार-ए-लागो’ में एक साक्षात्कार के दौरान असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर पुतिन द्वारा सवाल उठाए जाने से ‘क्षुब्ध और खिन्न’ हैं। रूसी नेता ने हाल में कहा था कि जेलेंस्की के पास शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं है और सुझाव दिया था कि यूक्रेन को बाहरी शासन की जरूरत है।
ट्रंप ने पुतिन की इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि वह रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के संबंध में विचार करेंगे। उन्होंने रूसी तेल के खरीदारों पर भी सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। रूस पहले से ही भारी वित्तीय दंड का सामना कर रहा है और अपने तेल निर्यात को कम करने के लिए शुल्क का उपयोग कर रहा है। माना जा रहा है कि रूस ने दोबारा अपनी डिमांड लिस्ट में प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है। ट्रंप और उनकी टीम लंबे समय से सीजफायर समझौते पर काम कर रही है। विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति पर दबाव बना रहे हैं। यदि डील बेपटरी होती है तो ट्रंप रूस पर नए टैरिफ और बैन लगा सकते हैं।