1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब के राज्यपाल नहीं जानते कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना वैध था या नहीं : भगवंत मान
दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब के राज्यपाल नहीं जानते कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना वैध था या नहीं : भगवंत मान

दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब के राज्यपाल नहीं जानते कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना वैध था या नहीं : भगवंत मान

0
Social Share

चंडीगढ़, 22 जुलाई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि यह ”बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” है कि पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित नहीं जानते कि विधानसभा का जून में बुलाया गया दो दिवसीय विशेष सत्र वैध था, या नहीं। पुरोहित ने 17 जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि उनका मानना है कि विशेष सत्र आहूत करना “कानून और कार्य प्रणाली का उल्लंघन” था।

मान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पूर्ववर्ती अमरिंदर सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्यपाल की अनुमति के बिना दो बार विधानसभा का सत्र बुलाया गया था क्योंकि सत्रावसान नहीं हुआ था। मान ने कहा, ”यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब के राज्यपाल को यह नहीं पता कि सत्र वैध था, या अवैध।” उन्होंने कहा कि संविधान विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद सत्र बुलाया गया।

मुख्यमंत्री, पुरोहित के उस पत्र पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें राज्यपाल ने कहा था कि विधानसभा का सत्र बुलाना संभवतः कानून और कार्य प्रणाली का उल्लंघन है। साथ ही, संकेत दिया था कि वह सदन की बैठक के दौरान पारित विधेयकों पर शीघ्र हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं।

पुरोहित ने विधेयकों की वैधता पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि वह इन पर अटॉर्नी जनरल की सलाह लेने, या उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजने पर विचार कर रहे हैं। मान द्वारा राज्यपाल से सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किये जाने के बाद पुरोहित की यह प्रतिक्रिया आई।

विधेयक का उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से ‘गुरबानी’ का ‘फ्री-टू-एयर’ प्रसारण सुनिश्चित करना है। यह उन चार विधेयकों में से एक है जिन्हें 19-20 जून को बुलाए गए सत्र में पारित किया गया था। मान ने राज्यपाल पर सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पर हस्ताक्षर करने में देरी करने का भी आरोप लगाया।

‘गुरबानी’ के प्रसारण पर एक सवाल के जवाब में, मान ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के इस फैसले पर फिर से सवाल उठाया कि सिख भजनों के प्रसारण के लिए उसका करार 23 जुलाई को समाप्त होने के बाद उसने केवल एक टेलीविजन चैनल को प्रसारण जारी रखने को कहा है।

मान ने सवाल किया, “एसजीपीसी केवल एक चैनल के लिए अनुरोध क्यों कर रही है? यह एक निजी चैनल है। यह (गुरबानी के प्रसारण के लिए) अन्य टीवी चैनलों से अनुरोध क्यों नहीं कर रही है।”

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code