
राष्ट्रपति मुर्मु बोलीं – स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार होगा
गोरखपुर, 1 जुलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य ही संपदा है और स्वास्थ्य ठीक रहेगा तभी 2047 तक विकसित भारत तथा विश्व गुरु बनने का सपना साकार होगा। राष्ट्रपति गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करने के बाद समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस विश्वविद्यालय को 268 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को पहचान मिली है। कठिन परिश्रम करने वालों के लिए योग उतना आवश्यक नहीं है, लेकिन जो दफ्तर में काम करते हैं, उनके लिए जरूरी है।’ उन्होंने योग और भारत की गौरवमयी परंपरा का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम भारत के पूर्वजों, मुनियों-श्रषियों की उत्तर पीढ़ी कहलाते हैं तो उनका मान रखना होगा।’
LIVE: President Droupadi Murmu’s address at the inauguration of Mahayogi Guru Gorakhnath AYUSH University at Gorakhpur, Uttar Pradesh https://t.co/wWXh2ASvOL
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 1, 2025
राष्ट्रपति ने कहा, ‘आज भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है तो उसे आगे बढ़ाने के लिए पूरे भारतवासी को ध्यान रखना है। स्वास्थ्य ही संपदा है और स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो 2047 तक विकसित भारत और विश्व गुरु बनने का सपना साकार होगा और इसके लिए आज से ही प्रयास करना होगा।’
द्रौपदी मुर्मु ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि इस विश्वविद्यालय में आयुष पद्धतियों से जुड़े रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शिक्षा भी दी जाएगी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विश्व स्तरीय शोध पर विशेष बल दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के इस प्रथम आयुष विश्वविद्यालय की परिकल्पना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए मुर्मु ने कहा, ‘मैं यहां एक बात कहना चाहूंगी कि जनसेवा में कदम बढ़ाने के लिए आपको अथक प्रयास करना है, जनसेवा में थकना मना है।’
उन्होंने विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों से आह्वान किया, ‘आप थक नहीं सकते, दिन रात आपको परिश्रम करना पड़ेगा। आपको निद्राजीत बनना पड़ेगा।’ निद्राजीत मतलब नींद पर विजय पाने के संदर्भ में स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, ‘डॉक्टर कहते हैं कि आपको छह से आठ घंटे सोना पड़ेगा अन्यथा शरीर साथ नहीं देगा। लेकिन निद्रा को जीतने और स्वस्थ बनने के लिए आपको योग करना होगा, योग करने से आठ घंटे की नींद तीन घंटे में पूरी होगी।’
On her way to Mahayogi Guru Gorakhnath AYUSH University in Gorakhpur, President Droupadi Murmu got down from the car and interacted with the enthusiastic children gathered to welcome her. The students were thrilled to get the rare opportunity to be with the President and talk to… pic.twitter.com/8nWkfEtnaA
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 1, 2025
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों और जनता के प्रति उनके समर्पण की सराहना करते हुए कहा, ‘योगी जी, उनके मंत्री जनता को हर सुख-सुविधा प्रदान कराते हैं, लेकिन जिस संस्था को बना रहे हैं उसके अधिकारी, डॉक्टर या नर्स को भी अथक परिश्रम करना होगा, निद्राजीत बनना होगा और जनता की सेवा करनी होगी।’’
महायोगी गुरु गोरखनाथ की धरती को सादर नमन करते हुए मुर्मु ने कहा, ‘मुझे महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के बारे में कहा गया है कि आदि शंकराचार्य के बाद इतना प्रभावशाली और महिमा पूर्ण प्रभावशाली पुरुष दोबारा नहीं हुआ।’ उन्होंने कहा कि गोरखपुर योग भूमि है, गुरु गोरखनाथ ने इस क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से संपन्न किया ही है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘आदिनाथ, मत्स्येन्द्र नाथ और गोरखनाथ की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए योगी जी मानवता के कल्याण के लिए सक्रिय हैं। 18वीं सदी के संन्यासी विद्रोह से लेकर 1857 के स्वाधीनता संग्राम में गोरखपुर नाथ पंथ के योगी इसके सूत्रधार रहे। इस धरती से बिस्मिल और बंधु सिंह के बलिदान की गाथाएं जुड़ी और गोरखपुर से जुड़ी इन महान विभूतियों को सादर प्रणाम, नमन करती हूं।’
द्रौपदी मुर्मु ने गोरखपुर के गीता प्रेस की सराहना करते हुए कहा कि इसने लगभग 100 वर्षों से भारत की धर्म व संस्कृति से लोगों को जोड़ने का महान कार्य किया है। उन्होंने कहा, ‘गीता प्रेस की पुस्तकें संस्कृत और हिन्दी के अलावा कई भाषाओं में उपलब्ध हैं। उड़िया भागवत के नाम से गीता प्रेस की जगन्नाथ दास द्वारा रचित पुस्तक ओडिशा के लोग बड़े भक्ति-भाव से पढ़ते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘कल शाम गोरखनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने का मौका मिला तो वहां गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित प्रतियां भेंट की गयीं। ये पुस्तकें गोरखपुर के अमूल्य सौगात व स्मृति के रूप में सदैव संरक्षित होकर रहेंगी।’
राष्ट्रपति ने आयुष विश्वविद्यालय के प्रति अपनी भावना जाहिर करते हुए कहा, ‘गोरखनाथ जैसे विलक्षण नाम से जुड़े इस विवि में आकर उनके प्रति मुझमें और अधिक श्रद्धा का संचार हो रहा है। यह विश्वविद्यालय हमारी प्राचीन परंपराओं का आधुनिक केंद्र है। इसका लोकार्पण करके मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवा में एक मील का पत्थर साबित होगा।’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिपरी भटहट में बने इस विश्वविद्यालय का लोकार्पण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में किया। मुख्यमंत्री ने इस समारोह में हिस्सा लेने और इसका वीडियो साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के नवयुग का शुभारंभ।’
इसके पहले सीएम योगी ने सुबह अन्य पोस्ट में कहा, ‘गोरखपुर में स्वास्थ्य-संस्कृति के नवयुग का शुभारंभ हो रहा है। शिव अवतारी महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ जी की तपोभूमि में आज मा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी की गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण से स्वास्थ्य सेवाओं के नए युग का सूत्रपात होगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में यह विश्वविद्यालय चिकित्सा-शिक्षा के केंद्र के साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य-दर्शन का प्रकाश-स्तंभ बनेगा।’