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चुनावी बॉण्ड के विरोधियों पर पीएम मोदी का प्रहार – ‘आज जो इसे लेकर हंगामा कर रहे, वो जल्द ही पछताएंगे’

चुनावी बॉण्ड के विरोधियों पर पीएम मोदी का प्रहार – ‘आज जो इसे लेकर हंगामा कर रहे, वो जल्द ही पछताएंगे’

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नई दिल्ली, 31 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जो विपक्षी दल इलेक्टोरल बॉण्ड पर आजकल हंगामा कर रहे हैं, वे निश्चित रूप से जल्द ही पछताएंगे। पीएम मोदी ने जोर देकर यह भी कहा कि योजना में कमियां हो सकती हैं और उन्हें ठीक किया जा सकता है।

2014 से पहले चुनावों के खर्च के बारे में कोई जानता था क्या?

पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले Thanthi TV को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘कोई नहीं जानता कि 2014 से पहले चुनावों में कितना पैसा खर्च किया गया था और फंडिंग की डिटेल अब केवल चुनावी बॉण्ड के कारण पब्लिक डोमेन में है। विपक्ष ने इस योजना को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। मुझे बताइए कि मैंने ऐसा क्या किया कि मुझे झटका लगा। मेरा मानना ​​है कि जो लोग नाच रहे हैं और इस पर गर्व महसूस कर रहे हैं, उन्हें पछताना पड़ेगा।

कमियां हो सकती हैं और उन्हें सुधारा जा सकता है

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कोई एजेंसी हमें बता सकती है कि 2014 से पहले चुनावों में कितना पैसा खर्च किया गया था। मोदी इलेक्टोरल बॉण्ड लेकर आए, यही कारण है कि आप जान पा रहे हैं कि किसने पैसा लिया और दान दिया। आज आपके पास एक कड़ी है। कमियां हो सकती हैं और उन्हें सुधारा जा सकता है।’

सुप्रीम कोर्ट ने हाल में ही में केंद्र की इलेक्टोरल बॉण्ड योजना रद कर दी

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2018 में चुनावी बॉण्ड लागू किया। इसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने दो जनवरी, 2018 के गजट नोटिफिकेशन नंबर 20 में “देश में राजनीतिक फंडिंग की प्रणाली को साफ करने” के लिए पेश किया था। हालांकि गत 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के पांच-जजों की संविधान पीठ ने केंद्र की इलेक्टोरल बॉण्ड योजना को रद कर दिया, जिसने गुमनाम राजनीतिक फंडिंग की अनुमति दी थी। अदालत ने इसे असंवैधानिक करार दिया और चुनाव आयोग को दानदाताओं के डेटा, उनके द्वारा दान की गई राशि और इसे लेने वाली पार्टी का खुलासा करने का आदेश दिया।

‘मैंने कभी चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा था, यह अचानक घटित हुआ

पीएम मोदी ने इस विस्तृत इंटरव्यू में अन्य मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा था। यह मेरे जीवन में अचानक घटित हुआ। ये सब मैंने कभी तय नहीं किया था। मेरी पार्टी ने मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहा और मैंने राजकोट से चुनाव लड़ा और फिर मैंने कई निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा। अब मैं काशी का प्रतिनिधित्व करता हूं। मेरी पार्टी जो चाहती है, मैं उसका पालन करता हूं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई रुकने वाली नहीं

प्रधानमंत्री ने केंद्रीय एजेंसियों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘क्या हमारी सरकार आने के बाद ईडी का गठन हुआ? नहीं. क्या हम पीएमएलए लाए? नहीं। ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और स्वतंत्र काम कर रही है। हम उनके काम में दखल नहीं देते। ईडी के पास करीब 7000 मामले हैं. इनमें राजनेताओं से जुड़े मामलों की संख्या तीन फीसदी से भी कम हैं।’

‘हमारी सरकार के समय में 2200 करोड़ रुपये जब्त किए गए

उन्होंने कहा, ‘जब वर्तमान विपक्ष सत्ता में था तो जो नकदी जब्त की गई थी, वह बहुत कम थी। हमारी सरकार के समय में 2200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। इसका मतलब है कि एजेंसियों का ऑपरेशन लीक नहीं हो रहा है, इसीलिए ये सब पकड़ में आ रहा है। नकदी के बंडल जब्त किए जा रहे हैं। वॉशिंग मशीन के अंदर भी रखा कैश बरामद किया जा रहा है। पानी की पाइप, बिस्तर आदि में बंडल रखे जाते हैं। कांग्रेस सांसद के पास से 300 करोड़ रुपये जब्त किए गए। वहीं बंगाल में मंत्रियों के पास से पैसे पकड़े गए। मुझे नहीं लगता कि इस देश के लोग यह सब बर्दाश्त करने के लिए तैयार हैं।’

बंगाल में हमने करीब 3000 करोड़ रुपये कुर्क किए

पीएम मोदी ने कहा, ‘बंगाल में हमने करीब 3000 करोड़ रुपये कुर्क किए हैं। यह किसका पैसा है? मैं यह देखने की कोशिश कर रहा हूं कि क्या यह सारा पैसा हमने वसूल किया है, क्या इसे गरीबों को वापस दिया जा सकता है? 17,000 करोड़ रुपये हमने उन लोगों को वापस कर दिए हैं, जिन्होंने मनी ट्रेल को देखते हुए इसका भुगतान किया था। ईडी के काम को रोकने के लिए न्यायपालिका को एक बड़े उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास किया जा रहा है। वे जानते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई रुकने वाली नहीं है। इसलिए वे इन एजेंसियों के कानूनों से छुटकारा पाना चाहते हैं।’

राममंदिर के उद्घाटन पर एक भक्त के रूप में अयोध्या गया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जब अयोध्या के ट्रस्टियों ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया, तब से मैं अध्यात्म में डूबता चला गया। मैंने जो महसूस किया, उसे समझाने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं उस समय बिल्कुल अलग अनुभव कर रहा था। मैंने निर्णय लिया कि मैं 11 दिन का अनुष्ठान करूंगा। मैंने दक्षिण भारत के उन स्थानों पर समय बिताया, जहां से भगवान राम का कनेक्शन रहा था। मैं उस समय पार्टी और सरकार का काम भी कर रहा था, लेकिन मैंने अपना बाकी समय अध्यात्म में बिताया। जब मैं अयोध्या पहुंचा और एक-एक कदम आगे बढ़ रहा था, तो मेरे मन में यही चलता रहा कि क्या मैं वहां इसलिए जा रहा हूं कि मैं पीएम हूं या मैं वहां इसलिए जा रहा हूं कि मैं भारत का नागरिक हूं? मैं अयोध्या में एक भक्त के रूप में गया था। यह एक लंबा संघर्ष रहा है, जिसमें कई लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। यह 500 वर्षों की लोगों की इच्छा और आस्था थी।’

पं. नेहरू के वक्त विपक्ष टाटा-बिड़ला की सरकार‘ का आरोप लगाता था

पीएम मोदी ने कहा, “यदि आप पंडित नेहरू या कांग्रेस के समय को देखें तो हमारे देश में तब एक नैरेटिव था। तब विपक्ष ने कहा था कि सरकार ‘टाटा-बिड़ला की सरकार’ है। संसद में भी नारे लगाए गए। विपक्ष की सोच में दिवालियापन है। यह एक वामपंथी नारा था, लेकिन जिस कांग्रेस पार्टी की इसी बात के लिए आलोचना होती थी, वही कांग्रेस अब हमारी आलोचना कर रही है। यह उदाहरण है कि कांग्रेस कहां पहुंच गई है।’

कांग्रेस में आज भी कई वरिष्ठ व अनुभवी नेता, लेकिन वे सभी हाशिये पर

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस में आज भी बहुत सारे वरिष्ठ हैं। वे अनुभवी लोग हैं। लेकिन आज उन्हें हाशिये पर रखा जा रहा है। यदि कांग्रेस अपनी पार्टी के भीतर उन नेताओं की बात सुनना शुरू कर दे और उनकी बातों को समझना शुरू कर दे तो इससे कांग्रेस को फायदा होगा। उन्हें मुझसे सलाह की जरूरत नहीं है। उनकी अपनी पार्टी में अच्छे नेता हैं।’ पीएम मोदी ने कहा कि आज जो भ्रष्टाचारी हैं उन्हें बचाने के लिए रैलियां हो रही हैं। एक तरफ वे लोग हैं जो भ्रष्टाचारी बचाओ मंत्र में विश्वास करते हैं, तो हम कहते हैं कि भ्रष्टाचार हटाओ।’

परिवारवाद का मतलब भी समझाया

पीएम ने कहा, ‘यदि एक परिवार से एक से ज्यादा लोग राजनीति में आते हैं तो मैं उसे वंशवाद की राजनीति नहीं कहता। हम चाहते हैं कि अधिक लोग राजनीति में आएं। यदि एक ही परिवार के 10 लोग भी राजनीति में आते हैं तो भी मैं इसे बुरा नहीं कहता। लेकिन जब कोई राजनीतिक पार्टी चलती है और उसके फैसले एक परिवार द्वारा लिया जाता है तो वह वंशवादी पार्टी होती है, इसमें लोकतंत्र नहीं होगा।

मैं नहीं चाहता था कि मां की मृत्यु एक राजनीतिक घटना बने

मां के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद काम पर क्यों गए पीएम मोदी, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘इसका श्रेय पीएम मोदी या बेटे मोदी को नहीं जाता। इसका श्रेय मां को जाता है। जब वह 100 साल की हुईं तो जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझसे पहला सवाल यही पूछा कि मैं काम छोड़कर क्यों आया हूं?

उन्होंने कहा, “मेरी मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं और उन्होंने स्कूल नहीं देखा। वह जीवनभर काम करती रहीं। वह कहती थीं – ‘काम करो बुद्धि से, जीवन जियो शुद्धि से’। वह मुझसे गरीबों के लिए काम करने और समय बर्बाद न करने के लिए कहती रहीं। मैं नहीं चाहता था कि उनकी मृत्यु एक राजनीतिक घटना बने।”

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