पीएम मोदी आज दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाएंगे, जोहानेसबर्ग में G20 लीडर्स समिट में होंगे शामिल
नई दिल्ली, 20 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे। वह जोहानेसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (ईआर) सुधाकर दलेला ने गुरुवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
सुधाकर दलेला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के बुलावे पर G20 लीडर्स समिट में शामिल होने के लिए 21 से 23 नवम्बर तक जोहानेसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका जाएंगे। दलेला ने कहा, ‘2023 में बहुत सफल प्रेसीडेंसी होस्ट करने के बाद G20 में अपनी प्राथमिकताओं को जारी रखने के लिए भारत के लिए यह समिट जरूरी होगा क्योंकि जी20 इंटरनेशनल आर्थिक सहयोग के साथ-साथ ग्लोबल महत्व के मामलों पर चर्चा करने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है।’
उन्होंने कहा कि G20 बड़ी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं को एक शानदार मौका देता है, जो ग्लोबल जीडीपी का 85 प्रतिशत से ज्यादा और दुनिया की लगभग तीन-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। सभी लोगों के एक साथ आकर दुनिया पर असर डालने वाले जरूरी मुद्दों पर चर्चा करने का यह अच्छा समय है।
सुधाकर दलेला ने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका ने अपने लिए चार मुख्य प्रायोरिटी एरिया की पहचान की है। इस साल G20 प्रेसीडेंसी, पहला – आपदा से निबटने की क्षमता और जवाब को मजबूत करना, दूसरा – कम आय वाले देशों के लिए कर्ज की स्थिरता पक्का करना, तीसरा – सही एनर्जी बदलाव के लिए फाइनेंस जुटाना और चौथा – सबको साथ लेकर चलने वाले विकास और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए जरूरी मिनरल्स का इस्तेमाल करना है।’
उन्होंने कहा कि जैसा कि आप में से कुछ को याद होगा, इंडियन G20 प्रेसीडेंसी ने एक डिजास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप बनाया था, जो दिखाता है कि इंडिया इस मामले को कितना महत्व देता है। साउथ अफ्रीका प्रेसीडेंसी ने डिजास्टर रिस्क रिडक्शन और रेजिलिएंस से जुड़े जरूरी काम को अपनी प्रेसीडेंसी की मुख्य प्रायोरिटी में से एक के तौर पर आगे बढ़ाया है। इसी तरह, फूड सिक्योरिटी पर टास्क फोर्स के जरिए साउथ अफ्रीका प्रेसीडेंसी ने इस जरूरी चुनौती पर भी बातचीत जारी रखी है।
दलेला ने कहा, ‘जोहानेसबर्ग समिट में G20 के चार उभरते मार्केट और डेवलपिंग इकॉनमी, यानी इंडोनेशिया, भारत, ब्राजील और बेशक, साउथ अफ्रीका की G20 प्रेसीडेंसी की सफल होल्डिंग भी पूरी होगी। इससे हम सभी मिलकर ग्लोबल साउथ पर असर डालने वाले मामलों पर ज्यादा फोकस कर पाए हैं।’
