ओमान के सुल्तान ने पीएम मोदी को ओमान के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से सम्मानित किया
मस्कट, 18 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो दिवसीय ओमान दौरे के अंतिम दिन गुरुवार को भारत-ओमान संबंधों को सशक्त बनाने में उनके योगदान और नेतृत्व के लिए ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने देश के सर्वोच्च सम्मानों में एक ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ (प्रथम श्रेणी) से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी।
पीएम मोदी ने सम्मान के लिए ओमान का जताया आभार
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ प्राप्त कर स्वयं को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इस सम्मान के लिए सुल्तान हैथम बिन तारिक, ओमान सरकार और वहां की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया और इसे भारत और ओमान के लोगों के बीच स्नेह और विश्वास का प्रतीक बताया।
Honoured to receive the Order of Oman (First Class). My gratitude to His Majesty Sultan Haitham bin Tarik, the Government and people of Oman for this honour. This is a symbol of affection and trust between the people of India and Oman.
For centuries, our ancestors have been… pic.twitter.com/PCtUccPqg5
— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2025
इस सम्मान को भारत की जनता और पूर्वजों को किया समर्पित
प्रधानमंत्री ने भारत और ओमान के बीच सदियों पुराने समुद्री संबंधों को रेखांकित करते हुए इस सम्मान को भारत की जनता और उन पूर्वजों को समर्पित किया, जिन्होंने मांडवी से मस्कट तक की यात्राओं के माध्यम से इन संबंधों की नींव रखी। उन्होंने उन नाविकों और समुद्री यात्रियों को भी श्रद्धांजलि दी, जिनके पीढ़ी-दर-पीढ़ी संपर्क और आदान-प्रदान से दोनों देशों की प्रगति में योगदान मिला।
भारत और ओमान बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ
यह सम्मान भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर और प्रधानमंत्री के मस्कट आधिकारिक दौरे के दौरान प्रदान किया गया, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई को दर्शाता है।
वर्ष 1970 में दिवंगत सुल्तान काबूस बिन सईद द्वारा स्थापित ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ (सिविल ऑर्डर) सल्तनत के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। यह सम्मान सार्वजनिक जीवन और द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय योगदान के लिए विश्व के चुनिंदा नेताओं को प्रदान किया जाता रहा है। इसके पूर्व प्राप्तकर्ताओं में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शाही परिवारों के सदस्य शामिल रहे हैं।
