कॉप-26 समिट में बोले पीएम मोदी – भारत वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा
ग्लास्गो, 2 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चल कॉप-26 शिखर सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को राष्ट्रीय वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। इस क्रम में वर्ष 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में से एक अरब टन की कमी की जाएगी। वर्ष 2030 तक अर्थव्यवस्था की आर्थिक गतिविधियों से कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत से अधिक की कमी लाने का लक्ष्य है। भारत वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ऊर्जा क्षमता पांच सौ गीगा वॉट कर देगा और अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति नवीकरणीय ऊर्जा से करेगा।
दुनिया की 17 फीसदी आबादी वाले भारत में कार्बन उत्सर्जन सिर्फ 5%
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व की कुल जनसंख्या का 17 प्रतिशत भारत में है और भारत का कार्बन उत्सर्जन केवल पांच प्रतिशत है। आज पूरा विश्व स्वीकार करता है कि केवल भारत ऐसी प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसने पेरिस जलवायु समझौते की मूल भावना का अनुपालन किया है।
Delivering the National Statement at the @COP26 Summit in Glasgow. https://t.co/SdKi5LBQNM
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे में जब भारत ने नई प्रतिबद्धता और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया है, जलवायु वित्त और कम लागत की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण आज पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। भारत केवल कुल कार्बन उत्सर्जन के पांच प्रतिशत उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी है और उसने जलवायु परिवर्तन को अपनी नीतियों के केंद्र बिन्दु में रखा है।
विकसित देशों को यथाशीघ्र 10 खरब डॉलर का जलवायु वित्त सुनिश्चित करना होगा
जलवायु वित्त की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने उन देशों पर दबाव बनाने की जरूरत बतायी, जो जलवायु वित्त की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकसित देशों को जितनी जल्दी संभव हो सके, 10 खरब डॉलर का जलवायु वित्त सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए इस वित्तीय प्रतिबद्धता पर लगातार नजर रखने पर भी जोर दिया।
The @COP26 Summit offers a wonderful opportunity to interact with various world leaders.
In a short while, I will be delivering the National Statement at the Summit. pic.twitter.com/25l4SqnHBH
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2021
विवेकपूर्ण उपभोग को समय की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे कृषि, मत्स्य, आवासन, आतिथ्य, पर्यटन, जल प्रबंधन और ऊर्जा प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव संभव होगा। उन्होंने पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को वैश्विक मिशन बनाने का आह्वान किया।
भारत और ब्रिटेन ने की जलवायु कार्य योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा
प्रधानमंत्री ने कॉप-26 शिखर सम्मेलन से अलग ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बातचीत की। दोनों नेताओं ने 2030 की जलवायु कार्य योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने व्यापार साझेदारी की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने भारत दौरे का निमंत्रण स्वीकार किया
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने ग्लास्गो में संवाददाताओं को बताया कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान, आतंकवाद से निपटने, हिंद- प्रशांत क्षेत्र, आपूर्ति श्रृंखला समायोजन और कोविड महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया।
विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी, नवाचार और हरित हाइड्रोजन पर ब्रिटेन के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत आने का पीएम मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के अनुकूल होते ही वह भारत यात्रा की योजना बनाएंगे।