पीएम मोदी ने समझाया NDA का अर्थ, सहयोगी दलों की बैठक के बाद विपक्ष पर जमकर किया प्रहार
नई दिल्ली, 18 जुलाई। देश में मंगलवार को पक्ष और विपक्ष के बीच मनोरंजक शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला। एकतरफ आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को चौतरफा घेरने की कवायद में 26 विपक्षी दलों ने बेंगलुरु में बैठक की और अपने पुराने गठबंधन यूपीए को नया नाम INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) दे दिया।वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आहूत 38 सहयोगी दलों की बैठक के बाद एनडीए का नए सिरे से अर्थ समझा दिया। उन्होंने एनडीए का फुल फॉर्म बताते हुए कहा कि N फॉर न्यू इंडिया, D फॉर डेवलप्ड नेशन, A फॉर एस्पिरेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडिया।
N फॉर न्यू इंडिया, D फॉर डेवलप्ड नेशन, A फॉर एस्पिरेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडिया
पीएम मोदी ने एनडीए के घटक दलों को संबोधित करते हुए न सिर्फ एनडीए का महत्व समझाया वरन परिवारवाद और भ्रष्टाचार के बहाने विपक्ष पर जमकर प्रहार भी किया। उन्होंने कहा, ‘आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को एनडीए पर भरोसा है। एनडीए ने वोट की नहीं, विकासवाद की राजनीति की है। हम भी विपक्ष में रहे, लेकिन सरकारों का विरोध करने के लिए विदेश की मदद नहीं मांगी। विपक्ष में रहे तो सरकार की राह में रोड़े नहीं अटकाए। आज विपक्ष की कई सरकारें राज्यों में केंद्र की योजना लागू होने नहीं देती। यह लोग सोचते हैं कि अगर गरीबों को लाभ मिल गया तो उनकी राजनीति कैसे चलेगी। विभिन्न योजनाओं के लिए राज्यों को चिट्ठियां लिखनी पड़ती हैं।’
Today the country's poor, middle class, youth, women, Dalits and deprived, all have faith in the NDA.
– PM @narendramodi pic.twitter.com/7qEQzEKMzb
— BJP (@BJP4India) July 18, 2023
‘राजनीतिक स्वार्थ के लिए पास आ सकते हैं, साथ नहीं‘
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जनता देख रही है कि ये पार्टियां क्यों एकजुट हो रही हैं? वह कौन सा ग्लू है, जो पार्टियों को जोड़ रहा है? निजी स्वार्थों के लिए मूल्यों से समझौता किया जा रहा है। लोग देख रहे हैं कि केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। वहीं, बेंगलुरु में इनके नेता साथ बैठकर मुस्कुरा रहे हैं। बंगाल में लेफ्ट, कांग्रेस और टीएमसी के बीच का द्वंद्व किसी से छिपा नहीं है।’
उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पास-पास तो आ सकते हैं, लेकिन साथ नहीं आ सकते। यह अपने कार्यकर्ताओं के भी नहीं हो सकते। इन दलों के कार्यकर्ता भी कंफ्यूज हैं। ये लोग मोदी के लिए इतना सोच रहे हैं। काश! देश के लिए इतना सोचते।’
‘विदेश तक यह आवाज सुनी जा सकती है कि एनडीए को फिर मौका देना है‘
पीएम मोदी ने कहा कि 2024 के चुनाव में समय कम है और देश के लोगों ने मन बना लिया है कि एनडीए को फिर मौका देना है। देश ही क्यों, विदेश तक भी यह आवाज सुनी जा सकती है। जो सरकार जाने वाली होती है, उसके साथ विदेशी सरकारें समय नष्ट नहीं करतीं। लेकिन तमाम देश भारत को मान-सम्मान दे रहे हैं क्योंकि वे भी जानते हैं कि भारत के लोगों का भरोसा एनडीए पर है। भारत में जनमत किसके साथ है, यह वे भी जानते हैं। एनडीए का विस्तार केवल संख्या और भौगोलिक विस्तार नहीं है। देश की जनता हमारी हिस्ट्री को भी देख रही है। उन्होंने कहा कि आपकी मेहनत रंग लाने वाली है। देश की जनता को आपके ऊपर भरोसा है।
‘गठबंधन हमारी मजबूरी नहीं, मजबूती‘
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी से होता है, जब गठबंधन भ्रष्टाचार के इरादे से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया जाता है तो वह गठबंधन देश को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
नफरत है घोटाले हैं,
तुष्टिकरण है मन काले हैं!— BJP (@BJP4India) July 18, 2023
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की गठबंधन सरकार का उदाहरण सामने है। इस सरकार ने किसी तरह उठा-पटक के बीच दस साल पूरे किए, लेकिन देश को क्या मिला? देश को मिला खींचतान, करप्शन, लाखों-करोड़ों के घोटाले, जब भी अहम फैसले लेने की बात आई गठबंधन की मजबूरियां दी जाती थीं। सहयोगियों पर दोष मढ़ दिया जाता था।
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम सौभाग्यशाली हैं कि एनडीए इससे अलग है। हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं, मजबूती का माध्यम है। हमारा गठबंधन कांट्रीब्यूशन का प्रतीक है। एनडीए में कोई भी राजनीतिक बड़ा या छोटा नहीं है। हम सभी एक लक्ष्य के लिए आगे बढ़े हैं। 2014 हो या 2019 भाजपा को वोट बहुमत से ज्यादा मिला, लेकिन एनडीए बना रहा।’
एनडीए की विचारधारा नेशन फर्स्ट
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एनडीए के सभी दल समाज के वंचित वर्गों के बीच काम करते हैं। हमारे साथ आदिवासी, पिछड़े लोगों के बीच काम करने वाले दल हैं। ऐसे दल हैं साथ, जिनकी पहले दिल्ली में सुनवाई नहीं होती थी। एनडीए देश के लिए और देश के लोगों के लिए समर्पित है। एनडीए की विचारधारा है नेशन फर्स्ट, नेशन सिक्योरिटी फर्स्ट, प्रोग्रेस फर्स्ट, एम्पॉवरमेंट ऑफ पीपुल फर्स्ट। एनडीए की बैठक में संकल्प लिया था कि देश के गरीबी को गरीबों की ताकत से ही खत्म करेंगे। इसलिए हमने गरीबों को सशक्त करने काम किया। आज इसी का नतीजा है कि भारत में गरीबी खत्म होने के कगार पर है। गरीबों को अपना घर मिल रहा है। यह सिर्फ छत नहीं, यह उस परिवार को सुरक्षा कवच देता है।’
‘राजनीति में शत्रुता नहीं होती, हमने देश को दलों के हित से उपर रखा’
पीएम मोदी ने कहा, ‘राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन शत्रुता नहीं होती। फिलहाल आज विपक्ष ने अपनी एक ही पहचान बना ली है, हमें गाली देना, हमें नीचा दिखाना। बावजूद इसके हमने देश को दलों के हित से उपर रखा है। यह एनडीए सरकार ही है, जिसने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया, हमने मुलायम सिंह यादव, शरद पवार, गुलाम नबी आजाद जैसे अनेक नेताओं को पद्म सम्मान दिया।’