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विश्व महिला मुक्केबाजी : निकहत जरीन व लवलीना बोरगेहन के नाम भी स्वर्णिम सफलता, भारत ने जीते 4 स्वर्ण

विश्व महिला मुक्केबाजी : निकहत जरीन व लवलीना बोरगेहन के नाम भी स्वर्णिम सफलता, भारत ने जीते 4 स्वर्ण

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नई दिल्ली, 26 मार्च। देश की होनहार महिला मुक्केबाज निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन ने भी यहां आईबीए विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के अंतिम दिन अपना श्रेष्ठ पराक्रम जारी रखा और संबंधित भार वर्ग में विश्व खिताब अपने नाम कर लिए।

भारत ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की

भारत ने इसके साथ ही प्रतियोगिता में कुल चार स्वर्ण पदक जीते और विश्व चैंपियनशिप में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी कर ली। शनिवार को स्वीटी बूरा (81 किलो) और नीतू घंघास (48 किलो) ने स्वर्णिम सफलता अर्जित की थी। भारत ने इसके पूर्व 2006 में अपनी मेजबानी में चार स्वर्ण सहित आठ पदक जीते थे।

निकहत जरीन ने लगातार दूसरी बार जीता विश्व खिताब

इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की रिंग में रविवार को 50 किलोग्राम भार वर्ग की खिताबी बाउट लड़ने उतरीं निजामाबाद की 26 वर्षीया निकहत ने दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम को 5-0 से हराया और लगातार दूसरी बार विश्व खिताब जीता।

पिछले वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक के अलावा विश्व खिताब भी जीतने वाली निकहत छह बार की चैम्पियन एम.सी. मैरीकॉम के बाद देश की सिर्फ दूसरी मुक्केबाज हैं, जिन्होंने लगातार दूसरी बार विश्व खिताब पर अधिकार किया है।

दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने पर आह्लादित निकहत ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनी। मैं उन सभी की आभारी हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया। यह पदक मेरे देश भारत के लिए है। यह एक कठिन प्रतियोगिता थी, लेकिन अंत में मैंने स्वर्ण पदक जीता।’

बाउट की बात करें तो निकहत ने शुरुआत से ही शानदार प्रदर्शन किया। पहले राउंड में उन्होंने 5-0 की बढ़त बना ली थी। इसके बाद दूसरे राउंड में भी उन्होंने अपनी बढ़त जारी रखी। तीसरे राउंड में उन्होंने वियतनाम की मुक्केबाज को शानदार पंच जड़ा। रेफरी ने मैच रोककर वियतनाम की मुक्केबाज का हाल जान, तभी निकहत की जीत तय हो गई थी। अंत में उन्होंने यह मुकाबला एकतरफा अंतर से अपने नाम किया।

बोरगोहेन ने विश्व चैंपियनशिप में जीता अपना तीसरा पदक

उधर असम की 25 वर्षीया मक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने 75 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में दो बार की राष्ट्रकुल खेल चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर को 5-2 से हराया और विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य के बाद स्वर्ण के रूप में अपना तीसरा पदक जीता। लवलीना ने वर्ष 2018 और 2019 की विश्व स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते थे।

खिताबी बाउट में दोनों मुक्केबाजों के बीच कांटे की टक्कर थी। पहला राउंड लवलीना ने 3-2 के अंतर से अपने नाम किया। वहीं, दूसरा राउंड पार्कर ने जीता। तीसरे और आखिरी राउंड में दोनों के बीच कड़ी टक्कर रही और अंत में मैच का नतीजा रिव्यू के लिए गया। सभी जज ने मिलकर लवलीना को विजेता घोषित किया। इसके साथ ही देश को इस प्रतियोगिता में चौथा स्वर्ण पदक मिल गया।

अब तक भारत की 8 मुक्केबाज बन चुकी हैं विश्व चैंपियन

इस बार की स्वर्णिम सफलताओं के बीच भारत की अब तक 8 मुक्केबाज विश्व खिताब जीत चुकी हैं। इनमें निकहत जहां दूसरी बार चैंपियन बनीं वहीं नीतू, स्वीटी व बोहगोहेन ने पहली बार विश्व खिताब जीते। छह बार की चैम्पियन एम.सी. मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर. एल. (2006) व लेखा केसी (2006) अन्य मुक्केबाज हैं, जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं।

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