1. Home
  2. हिन्दी
  3. महत्वपूर्ण
  4. कहानियां
  5. उत्तर प्रदेश सरकार : सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद योगी सरकार ने भी लगातार दूसरे वर्ष रद की कांवड़ यात्रा
उत्तर प्रदेश सरकार : सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद योगी सरकार ने भी लगातार दूसरे वर्ष रद की कांवड़ यात्रा

उत्तर प्रदेश सरकार : सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद योगी सरकार ने भी लगातार दूसरे वर्ष रद की कांवड़ यात्रा

0
Social Share

लखनऊ, 18 जुलाई। सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को अपने पूर्व निर्णय को वापस लेना पड़ा और उसने कांवड़ संघों से विचार-विमर्श के बाद कोरोना महामारी को देखते हुए लगातार दूसरे वर्ष कांवड़ यात्रा रद कर दी है।

कांवड़ संघों से बातचीत के बाद लिया गया फैसला

गौरतलब है कि पिछले वर्ष कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी। इस बार भी सरकार ने संघों की सहमति से ही यह फैसला लिया है। हालांकि, यूपी सरकार चाहती थी कि इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध न लगे बल्कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रा निकाली जाए। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बातचीत करने के निर्देश दिए थे।

उत्तराखंड में पहली ही रद की जा चुकी है कांवड़ यात्रा

लेकिन उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार से गंगाजल लेने के लिए न सिर्फ बाहर से आने वाले कांवड़ियों के राज्य में प्रवेश पर रोक लगा रखी है बल्कि उसने भी लगातार दूसरे वर्ष कांवड़ यात्रा रद कर दी है। इस कारण भी दिक्कतें बढ़ गई थीं।

शीर्ष अदालत ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था

हालांकि यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर पहले अनुमति दे दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार, 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनाम दाखिल कर कहा था कि यूपी सरकार को कांवड़ यात्री की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था, ‘एक बात पूरी तरह साफ है कि हम कोविड के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा में लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते। हम सभी भारत के नागरिक हैं। यह स्वत: संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है कि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है। यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है।’

राज्य सरकार ने कोर्ट से 19 जुलाई तक समय मांगा था
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि क्या प्रत्यक्ष रूप से कांवड़ यात्रा आयोजित करने पर पुनर्विचार किया जा सकता है, इस पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सी. एस. वैद्यनाथन ने सकारात्मक उत्तर दिया था और 19 जुलाई तक अतिरिक्त हलफनामा जमा करने के लिए समय मांगा था।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code