नए संसद भवन को लेकर मायावाती ने विपक्ष पर साधा निशाना, पूछा – मुर्मू के खिलाफ क्यों लड़े चुनाव?
लखनऊ, 25 मई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर विपक्ष के बॉयकॉट को गलत करार दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि यह अनुचित है कि कुछ विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के अनावरण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसके साथ ही मायावती ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार को इसका अनावरण करने का अधिकार है क्योंकि वे ही हैं, जिन्होंने इसे बनाया है।
बहिष्कार और इसे एक आदिवासी महिला के सम्मान से जोड़ना पूरी तरह से अनुचित
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘बहिष्कार और इसे एक आदिवासी महिला के सम्मान से जोड़ना पूरी तरह से अनुचित है।’ हालांकि, मायावती ने कहा है कि वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण समारोह में शामिल नहीं होंगी। फिलहाल नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के फैसले के बीच बसपा प्रमुख का यह बयान विपक्ष के लिए बेहद चौंकाने वाला है।
बसपा जनहित के मुद्दों पर सदैव केंद्र सरकार का समर्थन करती रही है
मायावती ने ट्विटर पर कहा कि बसपा हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश और जनहित से जुड़े मुद्दों पर केंद्र की सरकार का समर्थन करती रही है। उन्होंने कहा, ‘चाहे वह पहले कांग्रेस की थी या अब भाजपा की, बसपा ने हमेशा देश और जनहित से जुड़े मुद्दों पर केंद्र की सरकार को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समर्थन दिया है।’
2.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था
— Mayawati (@Mayawati) May 25, 2023
नए संसद भवन का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि सिर्फ इसलिए समारोह का बहिष्कार करना उचित नहीं है क्योंकि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उद्घाटन नहीं किए जाने के कारण बहिष्कार करना अनुचित है। सरकार ने इसे बनाया है, इसलिए इसका उद्घाटन करने का अधिकार भी उसी के पास है। इसे आदिवासी महिलाओं के संबंध से जोड़ना भी अनुचित है।’
मायावती ने साथ ही विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आदिवासी राष्ट्रपति को सर्वसम्मति से चुनने की बजाय उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करते समय इस बारे में सोचना चाहिए था।