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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बोले – पीएफआई हिंसक और अराजक संगठन, उसके खिलाफ काररवाई जरूरी

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बोले – पीएफआई हिंसक और अराजक संगठन, उसके खिलाफ काररवाई जरूरी

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गुवाहाटी, 24 सितम्बर। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) की ओर से की जा रही छापेमारी का समर्थन करते हुए इसे हिंसक और अराजक संगठन बताया है और केंद्र सरकार की ओर से की गई काररवाई का समर्थन किया है।

इस्लामिक मुद्दे पर अपनी मुखर राय रखने वाले आरिफ मोहम्मद खान ने बड़ी साफगोई से कहा, ‘जो भी संगठन हिंसा के रास्ते पर चलता है और कानून का अपमान करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त काररवाई होनी चाहिए और हमारी सुरक्षा एजेंसियां ऐसा ही कर रही हैं।’

‘हिंसा करने वाला व्यक्ति कानून के शासन और लोकतंत्र का अपमान करता है

आरिफ मोहम्मद खान ने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा पीएफआई के खिलाफ की जा रही छापे के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन पर कहा, ‘कल जो भी हुआ, वह अराजकता थी। हिंसा करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के शासन और लोकतंत्र का अपमान करता है। इस संस्थान (पीएफआई) के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आ चुकी हैं। इसलिए ऐसे संगठनों के खिलाफ एक्शन लिया जाना बेहद जरूरी है।’

ये संगठन हिंसा का सहारा लेकर अपने राजनीतिक मुद्दे को राह देना चाहते हैं

केरल के गर्वनर ने कहा कि पीएफआई जैसे संगठन हिंसा का सहारा लेकर अपने राजनीतिक मुद्दे को राह देना चाहते हैं। सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त काररवाई करनी चाहिए। पीएफआई कहीं से मुल्क की भलाई के लिए काम नहीं कर रहा है।

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से एनआईए पीएफआई के खिलाफ बेहद आक्रामक तरीके से पूरे देश में छापेमारी कर रही है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, कोझीकोड और वायनाड सहित कई जिलों में पीएफआई के दफ्तर सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर थे। एनआईए ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की है।

पुणे में पीएफआई समर्थकों ने एनआईए के खिलाफ निकाली रैली

वहीं पुणे में आज पीएफआई समर्थकों ने एनआईए की काररवाई के खिलाफ विरोध रैली भी निकाली, जिसमें कथिततौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’, ‘अल्लाहु अकबर’, ‘नारा-ए-तकबीर’ जैसे विवादास्पद नारे लगाए गए।

41 प्रदर्शनकारी हिरासत में, 60-70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

उसके बाद पुणे पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए पीएफआई के 41 प्रदर्शनकारियों को तुरंत हिरासत में लिया और उन्हें पुलिस वाहनों में ठूंस दिया। इतना ही नहीं पुणे पुलिस ने जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अवैध रूप से जमा होने और नारेबाजी करने के आरोप में लगभग 60-70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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