
ईरान ने नेतन्याहू से युद्धविराम की लगाई गुहार, कहा – ‘पहले इजरायल रोके हमले, फिर हम…’
तेहरान, 15 जून। ईरान और इजराइल के बीच पिछले तीन दिनों से जारी युद्ध रोकने के लिए अब कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं। इस क्रम में ईरान के शीर्ष राजनयिक ने साफ संकेत दिया है कि यदि इजराइल अपने हमले रोकता है तो ईरान भी जवाबी काररवाई बंद कर देगा।
वहीं एक सूत्र के हवाले से ‘द येरूसलम’ पोस्ट ने बताया कि ईरान ने ओमान और कतर से मध्यस्थता करने का आग्रह किया है ताकि वॉशिंगटन के साथ परमाणु वार्ताएं फिर से शुरू कराई जा सकें और इजराइली हमले रोके जा सकें।
फिलहाल इजराइल और ईरान के बीच भीषण जंग जारी है। शनिवार की रात इजराइल के हाइफा पर हुए हमलों में ईरान ने कुछ ऐसी मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिन्हें पहली बार युद्ध में शामिल किया गया था। इस हमले में इमाद, गदीर और खैबरशेकन मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिन्हें ईरान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं में बेहद प्रभावी माना जाता है।
ईरान में अब तक 138 लोगों की मौत
ईरान और इजरायल के बीच तीन दिनों से जारी जंग के दौरान ईरान में अब तक 138 लोग मारे जा चुके है। दोनों ने बीती रात फिर एक-दूसरे के ठिकानों को निशाना बनाया। इजराइल ने ईरान की गैस फील्ड साइट पर हमला कर दिया। यह दुनिया की सबसे बड़ी गैस फील्ड साइट है। इजराइल के सटीक मिसाइल हमलों से गैस फील्ड साइट धधक उठी है, और प्रोडक्शन रोक दिया गया है। इजराइल ने कई और ठिकानों पर हमले किए। न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाया गया है।
ईरान के हमले में इजराइल में 7 लोगों की मौत की पुष्टि
उधर ईरान ने बीती रात 50 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं। इसमें से कुछ मिसाइलें टारगेट पर लगी भी हैं। इजराइल में सात लोगों की मौत हुई है.
नेतन्याहू बोले – ‘अभी तो सिर्फ शुरुआत है..‘
इस बीच इजराइली पीएम नेतन्याहू ने ईरान को धमकी दी है कि वह रुक जाए अन्यथा ये तो शुरुआत है। आगे बहुत बड़ी तबाही ईरान में ला देंगे। ईरान को इजराइली हमले में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इजराइल ने एक साथ कई फ्रंट पर ईरान को निशाना बनाया। एक तरफ ईरानी सेना के टॉप कमांडर मारे गए तो दूसरी तरफ उसके परमाणु कार्यक्रमों की भी धज्जियां उड़ गईं।
निशाने पर ईरान की ऑयल ताकत
इजरायल ने शुक्रवार सुबह ईरानी शहरों पर बम और बारूद की जो बौछार की, जो रविवार आते-आते और भी भीषण हो गई। इजराइल के निशाने पर एक साथ ईरान के कई सैन्य अड्डे और परमाणु ठिकाने आ गए। ताजा हमले तेल और गैस डिपो पर हुए। कमोबेश सभी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के बाद इजराइल ने ईरान की ऑयल ताकत को कमजोर करने की ठानी।