1. Home
  2. हिंदी
  3. खेल
  4. टोक्यो पैरालंपिक :  ऊंची कूद में भारतीयों ने जीते दो पदक, थंगवेलु को रजत, शरद के नाम कांसा
टोक्यो पैरालंपिक :  ऊंची कूद में भारतीयों ने जीते दो पदक, थंगवेलु को रजत, शरद के नाम कांसा

टोक्यो पैरालंपिक :  ऊंची कूद में भारतीयों ने जीते दो पदक, थंगवेलु को रजत, शरद के नाम कांसा

0
Social Share

टोक्यो, 31 अगस्त। भारतीय पैरा एथलीटों ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में लगातार तीसरे दिन पदक बटोरो अभियान जारी रखा। इस क्रम में पुरुष शूटर सिंहराज अधाना ने जहां कांस्य पदक जीतकर मंगलवार की शुरुआत की थी वहीं शाम को नेशनल स्टेडियम में ऊंची कूद के जरिए दो पदक आ गए। रियो-2016 के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगवेलु एवं शरद कुमार ने सत्र की अपनी सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई और क्रमशः रजत व कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।

भारतीय दल के पदकों की संख्या दहाई में पहुंची

इसके साथ ही भारतीय दल के पदकों की संख्या दहाई तक पहुंच गई है। इनमें दो स्वर्ण, पांच रजत व तीन कांस्य पदक शामिल हैं। पदक तालिका में भारत 30वें स्थान पर है। रविवार को भारतीय एथलीटों ने दो रजत अपने नाम किए था जबकि सोमवार को दो स्वर्ण, दो रजत व एक कांस्य पर अधिकार किया था। पैरालंपिक में भारत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रियो 2016 में उसे दो स्वर्ण सहित चार पदक मिले थे।

रियो 2016 की बराबरी नहीं कर सके थंगवेलु

मरियप्पन थंगवेलु ने नेशनल स्टेडियम में पुरुषों की ऊंची कूद T63 रियो पैरालंपिक की बराबरी तो नहीं कर सके, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। फिलहाल उन्होंने 1.86 मीटर के प्रयास से सत्र की अपनी सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई और रजत पदक पर अधिकार किया। शरद ने भी 1.83 मीटर की सत्र की अपनी सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई और तीसरे स्थान पर रहे। अमेरिका के सैम क्रू गोल्ड मेडल (1.88 मीटर) जीतने में कामयाब रहे।

स्पर्धा में हिस्सा ले रहे भारत के तीसरे एथलीट व रियो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता वरुण सिंह भाटी नौ प्रतिभागियों में सातवें स्थान पर रहे। हालांकि वह भी 1.77 मीटर की कूद लगाने में सफल रहे। यह उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

अब तक दो स्पर्धाओं में हाथ लगे दो-दो पदक

दिलचस्प यह है कि मौजूदा खेलों के दौरान एथलेटिक्स मुकाबलों में भारत अब तक दो स्पर्धाओं में दो-दो पदक जीत चुका है। सोमवार को भाला प्रक्षेप (F46) में देवेंद्र झाझनिया ने रजत व सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य जीते और अब ऊंची कूद (T63) में थंगवेलु व शरद कुमार ने यही कहानी दोहराई।

हालांकि देखा जाए तो भाला प्रक्षेप और ऊंची कूद में अब तक भारतीय एथलीट तीन-तीन पदक जीत चुके हैं। सुमित अंतिल ने सोमवार को ही भाला प्रक्षेप (F64) में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीता था जबकि रविवार को निषाद कुमार ने ऊंची कूद (T47) में एशियाई रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता था।

पीएम मोदी ने मरियप्पन व शरद को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मरियप्पन और शरद को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया – ‘ऊंची और ऊंची उड़ान! मरियप्पन थंगवेलु निरंतरता और उत्कृष्टता के पर्याय हैं, रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। भारत को उनके इस कारनामे पर गर्व है। अदम्य! शरद कुमार ने कांस्य पदक जीतकर हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। उनकी जीवन यात्रा कई लोगों को प्रेरित करेगी। उन्हें बधाई।’

बचपन में बस से कुचलने के बाद मरियप्पन का दायां पैर खराब हो गया था

तमिलनाडु के मरियप्पन की बात करें तो पांच वर्ष की अवस्था में बस के नीचे कुचले जाने के बाद उनका दाहिना पैर खराब हो गया था। उनके पिता ने परिवार को छोड़ दिया, जिसके बाद मां ने उन्हें अकेले पाला। उनकी मां मजदूरी करती थी और बाद में सब्जी बेचने लगी। मरियप्पन का बचपन गरीबी और अभावों में बीता।

पोलियो की नकली खुराक को चलते शरद के बाएं पैर में लकवा मार गया था

वहीं, पटना के रहने वाले शरद कुमार को दो वर्ष की उम्र में पोलियो की नकली खुराक लेने के बाद बाएं पैर में लकवा मार गया था। वह दो बार एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code