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भारतीय रेलवे ने प्रति मिनट 31,814 टिकट बुक कर रचा इतिहास

भारतीय रेलवे ने प्रति मिनट 31,814 टिकट बुक कर रचा इतिहास

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नई दिल्ली, 5 जून। भारतीय रेलवे ने गत 22 मई को प्रति मिनट 31,814 टिकट आरक्षण करने के साथ इतिहास रच दिया है। रेलवे के इतिहास में टिकट बुकिंग का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह आंकड़ा रेलवे के टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता को भी दिखाता है। रेल मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है।

टिकट बुकिंग के लिए 2.5 करोड़ संदिग्ध यूजर र्आईडी निष्क्रिय किए गए

रेल मंत्रालय ने यह भी बताया कि अनाधिकृत ऑटोमेटेड बुकिंग पर काररवाई करते हुए उसके एआई संचालित सिस्टम ने टिकट बुकिंग के लिए 2.5 करोड़ संदिग्ध यूजर र्आईडी को निष्क्रिय कर दिया है।

वहीं, आईआरसीटीसी के माध्यम से भारतीय रेलवे एक सहज, सुरक्षित और उपयोगकर्ता अनुकूल टिकटिंग अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। देशभर में लाखों यात्रियों के हितों की रक्षा करने और समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नवाचार और आधुनिकीकरण पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा।

आधार-वैरिफाइड यूजर्स तत्काल कर सकते हैं टिकट की बुकिंग

रेल मंत्रालय ने बताया कि निष्पक्षता और दक्षता को और बढ़ाने के लिए नए यूजर प्रोटोकॉल जारी किए जाएंगे। बयान में कहा गया, ‘जिन यूजर्स ने आधार के जरिए ऑथेंटिकेशन नहीं किया होगा, वे एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी), तत्काल और प्रीमियम तत्काल की टिकट पंजीकरण के तीन दिन बाद बुक कर पाएंगे। वहीं, आधार-वैरिफाइड यूजर्स बिना किसी देरी के टिकट की बुकिंग कर सकते हैं।’

रिजर्व टिकट बुकिंग में ई-टिकटिंग की हिस्सेदारी 86.38 प्रतिशत

मंत्रालय ने कहा कि एवरेज डेली यूजर लॉगिन वित्त वर्ष 2023-24 में 69.08 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 82.57 लाख हो गया है, जो 19.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जबकि इसी अवधि में एवरेज डेली टिकट बुकिंग में 11.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त ई-टिकटिंग की हिस्सेदारी अब कुल रिजर्व टिकट बुकिंग में 86.38 प्रतिशत हो गई है।

भारतीय रेलवे की ओर से टिकट बुकिंग प्रणाली में किए गए सुधार इस प्रकार है –

  • 87 प्रतिशत सामग्री को तेज लोड समय और कम सर्वर लोड के लिए सीडीएन के माध्यम से उपलब्‍ध कराया जा रहा है।
  • परिष्कृत एआई एल्गोरिदम का उपयोग करके बॉट ट्रैफ़िक का सक्रिय पता लगाना और उसे कम करना।
  • संदिग्ध उपयोगकर्ता आईडी को सक्रिय रूप से निष्क्रिय करना और साइबर अपराध पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करना।

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