नई दिल्ली, 26 दिसंबर। कोरोना महामारी के कारण हुए नुकसान से अब भारतीय अर्थव्यवस्था उबरने लगी है और वापस रफ्तार पकड़ने लगी है। इस क्रम में भारत जल्द ही फ्रांस और ब्रिटेन सरीखे देशों को पीछे छोड़ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।
ब्रिटिश कंसल्टेंसी सीईबीआर की इस माह जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रांस नए वर्ष में जबकि ब्रिटेन 2023 में भारत से पीछे छूट जाएगा। हालांकि दुनिया के ऊपर आर्थिक मंदी का खतरा अब भी मंडरा रहा है।
कोरोना के कारण टॉप5 से बाहर हुआ भारत
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी की जद में आने से पहले भारत ने फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया था। हालांकि बाद में महामारी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर न सिर्फ ब्रेक लगा, बल्कि जीडीपी ग्रोथ रेट जीरो से नीचे चली गई। इससे भारत ने टॉप-5 इकोनॉमी में से एक होने का खिताब खो दिया था।
फ्रांस और भारत के बीच फासला बहुत कम
इंवेस्टोपीडिया के आंकड़ों के अनुसार, अभी भारत, ब्रिटेन और फ्रांस तीनों ही तीन ट्रिलियन डॉलर से कम की इकोनॉमी हैं। फ्रांस के साथ भारत का फासला बहुत कम है और दोनों 2.7 ट्रिलियन डॉलर से तनिक पीछे हैं जबकि ब्रिटेन की जीडीपी 2.7 ट्रिलियन से अधिक है। अगले साल भारत की इकोनॉमी का साइज तीन ट्रिलियन डॉलर के बेहद करीब पहुंच जाने का अनुमान है जबकि ब्रिटेन इस लेवल के पार निकल सकता है। हालांकि तब भारत और ब्रिटेन के बीच का अंतर मामूली रह जाने वाला है।
अमेरिका को पछाड़ने के लिए चीन को करना होगा इंतजार
नई रिपोर्ट के अनुसार भारत के साथ अन्य प्रमुख इकोनॉमी भी महामारी से निजात पाने लगी हैं और यही वजह है कि पूरी दुनिया का सम्मिलित इकोनॉमिक आउटपुट नए वर्ष में पहली बार 100 ट्रिलियन डॉलर के स्तर को पार करने वाला है। हालांकि रिपोर्ट में चीन के लिए बुरा अनुमान है। पहले माना जा रहा था कि चीन डॉलर टर्म में अगले सात वर्षों में अमेरिका को पीछे छोड़ सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा। सीईबीआर का मानना है कि इसके लिए चीन को अब 2030 तक इंतजार करना पड़ेगा।