नई दिल्ली, 1 दिसंबर। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सबसे तेज रही। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत दर्ज की गई। सरकारी डेटा के अनुसार देश का सकल घरेलू उत्पाद पिछले वर्ष के मुकाबले 8.4 प्रतिशत बढ़ा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) डेटा के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 5.5 प्रतिशत बढ़ा जबकि इसी अवधि में निर्माण क्षेत्र में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी
एनएसओ के डेटा से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बावजूद जुलाई से सितम्बर की दूसरी तिमाही में घरेलू खपत में वृद्धि हुई। इससे आने वाले महीनों में उपभोक्ता मांग में तेजी से सुधार होने की उम्मीद बढ़ गई है। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
वैसे देखा जाए तो वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर काफी कम रही है। वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में जीडीपी वृद्धि तर 20.1 फीसदी रही थी, जो दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी रही। हालांकि पिछले साल वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही से तुलना करें तो यह काफी बेहतर है. वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ऋणात्मक 7.4 फीसदी रही थी।
विश्लेषकों के अनुमानों के हिसाब से रही है जीडीपी विकास दर
जीडीपी विकास दर विश्लेषकों के अनुमानों के हिसाब से रही है। इंडिया रेटिंग्स ने 8.3 फीसदी जीडीपी की बात कही थी। कृषि क्षेत्र की विकास दर भी 4.5 फीसदी रही है। एचडीएफसी ने अर्थशास्त्रियों के बीच एक सर्वे किया था और उसमें 7 से 8 फीसदी के बीच जीडीपी रहने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि गोल्डमैन सॉक्स ने जीडीपी ग्रोथ 9.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार ने जीडीपी की दूसरी तिमाही के आंकड़े ऐसे वक्त जारी किए हैं, जब एक बार फिर कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है। हालांकि डेल्टा वैरिएंट के कहर के बाद भारत में कोरोना के रोजाना के मामले अब दस हजार से भी कम रह गए हैं।
तीसरी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार और तेज होने का अनुमान
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार और तेज होगी क्योंकि वो त्योहारी सीजन में आती है और जिसमें बेहतर औद्योगिक उत्पादन भी देखने को मिला है। निजी क्षेत्र का उपभोग भी बढ़ा है, जिसे भी अर्थशास्त्री अच्छा संकेत मान रहे हैं। माइनिंग सेक्टर में वृद्धि दर 15.4 फीसदी रही है जबकि इलेक्ट्रिसिटी गैस वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज में ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी रही है।
वित्त वर्ष 2021-22 में विकास दर 9.5 फीसदी रहने की संभावना
भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में विकास दर 9.5 फीसदी रहने की संभावना जताई है। दो तिमाहियों के बेहतर नतीजों से यह लक्ष्य पाने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि दूसरी तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में गिरावट आना निराशाजनक माना जा रहा है। फाइनेंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट ग्रोथ 7.8 फीसदी रही है। इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 5.9 फीसदी रही है।