
भारत ने इजराइल-ईरान टकराव पर SCO के बयान से किनारा किया, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट की स्थिति
नई दिल्ली, 14 जून। भारत ने इजराइल और ईरान के बीच जारी टकराव पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बयान से किनारा कर लिया है। ईरान पर किए गए इजराइली हमलों की निंदा करने वाले बयान से खुद को अलग करते हुए भारत ने अपनी स्थिति भी स्पष्ट करते हुए कहा कि उसने उन चर्चाओं में भाग ही नहीं लिया, जिसके बाद एससीओ की निंदा करने वाली टिप्पणियां सामने आईं।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, ‘शंघाई सहयोग संगठन ने इजराइल और ईरान के बीच हाल के घटनाक्रम पर एक बयान जारी किया है। भारत ने एससीओ के बयान से जुड़ी उपर्युक्त चर्चा में भाग नहीं लिया।’
विदेश मंत्रालय ने कहा, इजराइल-ईरान तनाव पर भारत का रुख स्वतंत्र है। पहली बार 13 जून को जारी बयान में इसे बताया जा चुका है। दोनों देशों के बीच शांति और बातचीत का आह्वान करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्तों का उपयोग किया जाना चाहिए। यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उस दिशा में प्रयास करे।
इजराइल का ईरान के नौ परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने का दावा
गौरतलब है कि इजराइल ने ईरान के नौ परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने का दावा किया है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने मृतकों की सूची भी जारी की है। इसके अलावा एक वीडियो जारी कर इजराइल ने यह समझाया है कि परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने के लिए ईरान में किन ठिकानों को निशाना बनाया गया है। आईडीएफ ने कहा है कि एक साथ हुए हमलों में नौ ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। ये सभी लोग बम बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रहे थे और काफी आगे बढ़ चुके थे।
दरअसल, ईरान पर हो रहे ताबड़तोड़ हमले 45 वर्षों बाद की गई इजराइल की सबसे बड़ी सैन्य काररवाई हैं। इस संबंध में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान पर यह हमला उसे ऑपरेशन राइजिंग लॉयन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ईरान, इजराइल के अस्तित्व के लिए खतरा है।
रिहायशी इमारतों को भी निशाना बनाया गया
उधर ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार इजराइल के इस हमले में रेवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी का निधन हो गया। इसके अलावा तेहरान में कई रिहायशी इमारतों को भी निशाना बनाया गया। हमले में मारे जाने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं।