मॉनसूनी बारिश से तबाही : हिमाचल प्रदेश को दो माह में 8100 करोड़ का नुकसान, अब तक 346 लोगों की मौत
शिमला, 22 अगस्त। पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में मॉनसूनी बारिश से इस बार व्यापक तबाही हुई है। प्रदेश सरकार का कहना है कि दो माह में करीब 8,100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही कह चुके हैं कि राज्य को इस बारिश के विनाशकारी प्रभाव से पूरी तरह उबरने में कम से कम एक वर्ष लगेगा।
राज्य को घोषित किया जा चुका है ‘प्राकृतिक आपदा‘ प्रभावित क्षेत्र
आईएमडी ने इस वर्ष 24 जून को पहाड़ी राज्य में मॉनसून के आगमन की घोषणा की थी। भारी बारिश और बादल फटने से विभिन्न संरचनाओं को गंभीर नुकसान हुआ क्योंकि वे अपने साथ भूस्खलन और बाढ़ लेकर आए। परिणामस्वरूप, सरकार ने पूरे राज्य को ‘प्राकृतिक आपदा’ प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया और केंद्र से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत दुर्लभ गंभीरता की राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया।
हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसार मॉनसून की बारिश से 8099.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आपदा में अब तक मरने वालों की संख्या 346 तक जा पहुंची है जबकि 38 लोग अब भी लापता हैं। बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में 331 लोगों के घायल होने की खबर है।
बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन में 2,216 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त
बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन में आश्चर्यजनक रूप से 2,216 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं या बह गए हैं जबकि 9,819 आवासीय संरचनाओं को आंशिक क्षति हुई है। कम से कम 300 दुकानें और 4,702 गोशालाएं या तो बह गईं या नष्ट हो गईं। राज्य में अब तक 130 भूस्खलन और 60 अचानक बाढ़ दर्ज की गई हैं।
विभिन्न विभागों के अंतर्गत क्षति का अनुमान :–
- जल शक्ति विभाग : 1,860.52 करोड़ रुपये।
- पीडब्ल्यूडी : 2,712.19 करोड़ रुपये।
- हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड : 1,707.35 करोड़।
- बागवानी : 173.3 करोड़ रुपये।
- शहरी विकास : 88.82 करोड़ रुपये।
- कृषि विभाग : 335.73 करोड़ रुपये।
- ग्रामीण विकास : 369.53 करोड़ रुपये।
- शिक्षा : 118.90 करोड़ रुपये।
- मत्स्य पालन : 13.91 करोड़ रुपये।
- स्वास्थ्य : 44.01 करोड़ रुपये।
केंद्र ने अब तक 200 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है
केंद्र ने अब तक 200 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है जबकि कर्नाटक और राजस्थान सरकारों ने हिमाचल को इस त्रासदी से निबटने में मदद के लिए 15-15 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी 11 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।