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ज्ञानवापी विवाद : वाराणसी की अदालत में नई याचिका दायर, मस्जिद परिसर में मौजूद हिन्दू प्रतीकों के संरक्षण की अपील

ज्ञानवापी विवाद : वाराणसी की अदालत में नई याचिका दायर, मस्जिद परिसर में मौजूद हिन्दू प्रतीकों के संरक्षण की अपील

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वाराणसी, 2 अगस्त। वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से सटे ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण के याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह ने वाराणसी जिला अदालत में एक नई याचिका दायर कर दी है। इस याचिका में उन्होंने मस्जिद परिसर में मौजूद हिन्दू धर्म से जुड़े प्रतीकों की रक्षा करने का आग्रह किया है। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष परिसर में उपलब्ध हिन्दू प्रतीकों को मिटाने का प्रयास कर रहा है।

4 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई

यह याचिका अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी द्वारा दायर की गई है। राखी सिंह श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला दायर करने वाली पांच हिन्दू महिला वादियों में से एक हैं। राखी ने वाराणसी की जिला अदालत से मां श्रृंगार गौरी स्थल पर पूजा की अनुमति भी मांगी है। अनुपम द्विवेदी ने बताया कि कोर्ट ने सुनवाई के लिए चार अगस्त की तारीख तय की है।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आरोप को बताया बेबुनियाद

फिलहाल राखी सिंह की याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा, ‘हमारे वकील इस मामले में जवाब देंगे।’

ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर हाई कोर्ट गुरुवार को सुनाएगा फैसला

गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर से जुड़े कई मामले पहले से ही वाराणसी की जिला अदालत और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण पर चल रही रोक को तीन अगस्त को फैसला सुनाए जाने तक बढ़ा दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि मस्जिद के सर्वेक्षण को अस्थायी रूप से निलंबित करने वाला गत 24 जुलाई का सुप्रीम कोर्ट का आदेश तीन अगस्त तक लागू रहेगा।

इससे पहले गत 21 जुलाई को, वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई द्वारा मस्जिद के व्यापक सर्वेक्षण का आदेश दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर बनाया गया था या नहीं। कोर्ट ने माना था कि सच्चाई सामने लाने के लिए वैज्ञानिक जांच आवश्यक है। बाद में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने वैज्ञानिक जांच पर रोक लगा दी थी।

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